सही गलत



एक होटल वाला अपने यहां दो नौकर रखता है। दोनों के ही काम करीब एक जैसे ही हैं। पहला नौकर मालिक की कही गई बात को हर हाल में करके ही लौटता है, जबकि दूसरा नौकर उस बात को जैसा का तैसा करने की बजाए या तो और अच्छा करता है, या फिर कई बार दूसरे नजरिए से ठीक लेकिन मालिक के नजिरए से कम ठीक करता है। ऐसे में मालिक के पास दोनों के बीच सही गलत और कौन किस काम का है, फैसला करने में दिक्कत होती है। होटल में ग्राहक आए, पहले नौकर को मालिक ने आदेश दिया, साहब के लिए गिलास में पानी लाओ। दोनों ही आदेश के पालन के लिए लपकते हैं। पहला जाता है और गिलास खोजने लगता है। गिलास मंझे नहीं हैं, तो मांझने लगता है। चूंकि मालिक के प्रति उसकी पूरी निष्ठा है, इसलिए वह गिलास को वहीं पर धोता है जहां से धोने में गिरने वाला पानी कीचड़ का कारण बने। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 7 से 8 मिनिट लगते हैं। जबकि दूसरा नौकर जाता है, और सबसे पहले ग्राहकों की टेबल पर पानी से भरा जग रख देता है। इस दौरान ग्राहक चिल्लाता है, लेकिन होटल छोडक़र नहीं जाता। तब मालिक को गुस्सा आता है।
अब मालिक इस खीज को किस पर उतारे। पहला जिसने पूरी ईमानदारी से गिलास के लिए प्रयत्न किया, हर स्तर पर ईमानदारी को अपनाया। या फिर दूसरा जिसने फास्ट रेमेडी के रूप में पानी से भरा जग रख दिया था। और गिलास के आने के लिए वेट करने लगा था। तब वह फैसला करता है, इनमें से किसी एक को रखेगा। उसके पास दोनों की प्रोफाइल है, काम करने का तरीका है और साथ में है खुद की जरूरत। तब वह क्या करेगा?
मालिक इन बिंदुओं पर सोचेगा
0 सबसे पहले तो वह स्वयं की जरूरत का ध्यान रखेगा।
0 ग्राहक को तेज सेवा और हैंडिल करने वाला नौकर।
0 खाने का ऑर्डर आए तब तक पानी, टेबल की सफाई और तेजी से कुर्सियां जमाने वाला हो।
0 उनके ऑर्डर तेजी से नोट करे।
0 बातें आती हों।
नौकरों की क्वालिटी-
0 पहला ईमानदार है हर काम को संजीदा रूप से करता है, दूसरा तेज करता है वह भी ईमानदार ही है।
0 पहला किसी काम को ऐसे करता है कि वह आगे से ईजी बने। दूसरा तुरंत के हिसाब से करता है।
0 पहला मालिक के प्रति समर्पित है दूसरा काम के प्रति।
मालिक का फैसला?
मालिक पहले नौकर और दूसरे नौकर दोनों को ही रखेगा लेकिन तब तक ही इनकी नौकरी रहेगी, जबतक इन दोनों ही काबिलियतों वाला एक आदमी नहीं मिल जाता। अपने भीतर इन्वेस्ट करते रहें, कोई भी प्रतिभा या शौक कभी बेकार नहीं जाता। दुनिया प्रोफेशन है, इसे व्यवसायिक नजरिए से ही देखें। लाभ और हानि का गणित लगाने की ताकत ही विद्वता है। 

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