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ज्ञान सूत्र

एक युवक ने विवाह के बाद दो साल बाद परदेस जाकर व्यापार की इच्छा पिता से कही. पिता ने स्वीकृति दी तो वह अपनी गर्भवती को माँ-बाप के जिम्मे छोड़कर व्यापार को चला गया.परदेश में मेहन...

क्या कहू

-- इतवार था आज...-- बेड पर लेटा मैं लैपटाप पेट पर रखे ऊंघ रहा था... तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी.. खोला तो देखा एक लड़की खड़ी थी... उम्र क्या कोई 12-13 की होगी.. मेरे पूछने से पूर्व वो बोल पड़ी "...

सहिष्णुता

..सहिष्णुता और कायरता में ज़रा सा फ़र्क है.. इस मुल्क के हर नागरिक को थोड़ा सहिष्णु होना चाहिए, ज़रूरी है.. पर बहुत ज्यादा सहिष्णु होना आपको कायर बना सकता है.. असहनीय को भी सहन करना सह...

मन चंगा तो कठोती मे गंगा

संत कवि रैदास ने बहुत गहरी बात कही थी। मन का चंगा होना बहुत जरूरी है। तभी जीवन में सच्चा सुख और शांति मिल सकती है। दुखी या अशांत मन से तो कोई भी काम ठीक से नहीं हो सकता। अपने कर्...

करवा चौथ

करवा चौथ की कथा बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद मे...

वाह बेटे

माँ के निधन के पश्चात इकलौते बेटे ने पत्नी के कहने में आ कर अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजने का निर्णय ले लिया। पिता की समस्त भौतिक वस्तुएं समेट वो एक ईसाई पादरी द्वारा संच...

रविनद्र जेन

भारतीय फिल्म संगीत में सचिनदेव बर्मन, मदन मोहन, शंकर-जयकिशन, कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और राहुलदेव बर्मन जैसे दिग्गज संगीतकारों का डंका बज रहा था। ऐसे समय में आई फिल्म 'चोर मचाए शोर' का संगीत लीक से हटकर श्रोताओं को नया 'टेस्ट' देने वाला था। इस फिल्म के लिए संगीत रचनाएं लेकर आए थे तब के नए संगीतकार रवींद्र जैन। इस फिल्मका गीत  'ले जाएंगे..ले जाएंगे दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे...'की लोकप्रियता आज तक बरकरार है। इसी फिल्म का एक अन्य 'गीत घुंघरूकी तरह बजता ही रहा हूं मैं...'  किशोर कुमार के श्रेष्ठ गीतों में से एक है। वास्तव में रवींद्र जैन की प्रतिभा ने ही उन्हें भारतीय फिल्म संगीत के क्षेत्र में भारी प्रतिस्पर्धा के बीच ऊंचामुकाम दिलाया।अमिताभ के साथ-साथ करियर की डगरसन 1973 में फिल्म 'सौदागर' आई थी। यह फिल्म जहां अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआती फिल्म थी वहीं रवींद्र जैन के करियर कीभी शुरुआती फिल्म थी। अमिताभ और नूतन की यह फिल्म बहुत सफल नहीं रही लेकिन इसका संगीत पसंद किया गया। इस फिल्म के गीत 'हर हंसी चीज का मैं तलबगार हूं......

नि: शुल्क ...

यह अजीब मुल्क है, निर्बलों पर हर शुल्क है।अगर आप हो बाहुबली, हर सुविधा नि:शुल्क है।यह नदियों का मुल्क है,पानी भी भरपूर है ।बोतल में बिकता है, पन्द्रह रू शुल्क है।यह शिक्षकों का मुल्क है, स्कूल भी खूब हैं।बच्चे पढने जाते नहीं, पाठशालाएं नि:शुल्क है।यह गरीबों का मुल्क है, जनसंख्या भी भरपूर है।परिवार नियोजन मानते नहीं, नसबन्दी नि:शुल्क है।यह अपना ही मुल्क है, कर कुछ सकते नहीं।कह कुछ सकते नहीं, बोलना नि:शुल्क है।यह शादियों का मुल्क है, दान दहेज भी खूब है।शादी करने को पैसा नहीं, कोर्ट मेरिज नि:शुल्क है।यह पर्यटन मुल्क है, रेलें भी खूब हैं।बिना टिकट पकडे गये, रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।यह अजीब मुल्क है, हर जरूरत पर शुल्क है।ढूंढ कर देते है लोग, सलाह नि:शुल्क है।यह आवाम का मुल्क है, रहबर चुनने का हक है।वोट देने जाते नहीं, मतदान नि:शुल्क है।

मुफलिसी

कितनी खामोश होती है मुफलिसी,अपनी टेढ़ी जुबान में !क्योंकर कोई नजर देख नहीं पाती,इसे इस जहान में ।कितनी आह, कितना दर्द, कितनी भूख दिखाई देती है,सब मसरूफ हैं खुद में, बदली-सी निगाहें दिखाई देती है ।कहीं तो रोती है जवानी, कहीं बिखरता आंख का काजल,उतने ही पैबंद लिए तन को,छुपाता किसी मां का आंचल।कितनी खामोश है मुफलिसी, क्यूं लफ्जों में बयां नहीं होती है !मासूम-सी अबोध कन्याएं फिर, कौड़ी-कौड़ी के लिये बिकती हैं।कितनी ही बहनों की डोली, फिर सपने में भी नही सजती है।असहाय कमजोर बदन को लेकरजब कोई बाप यूं सुलगता है, मजबूर ख्वाहिशों का धुआं छोड़ते,कोने-कोने में चिलम पीता है।

पॆसे का रंग

स्वयं विचार कीजिये....!Title - इतना कुछ होते हुए भी !जब पैसा नहीं होता है तो सब्जियां पका के खाता हैऔर जब पैसा आ जाता है तो सब्जियां कच्ची खाता है।.जब पैसा नहीं होता है तो मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाता है और जब पैसा आ जाता है तो इंसान भगवान को दर्शन देने जाता है।जब पैसा नहीं होता है तो नींद से जगाना पड़ता हैऔर जब पैसा आ जाता है तो नींद की गोली देके सुलाना पड़ता है।जब पैसा नहीं होता है तो अपनी बीवी को सेक्रेट्री समझता हैलेकिन जब पैसा आ जाता है तो सेक्रेट्री को बीवी बना लेता है।ऐसा है ये पैसा अजीब है ये पैसा...???छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात कोबीत जाता है।उसका आधा=20 वर्षबचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँव्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही कितना ?8/10 वर्ष।उसमें भी हमशान्ति से नहीं जी सकते ?यदि हम थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवनप्राप्त करने का क्या लाभ हुआ ???स्वयं विचार कीजिय

जब तुम थे .....

जब तुम थे...जब तुम थे...मेरी ज़िन्दगी में शामिलमुझे लगता था, मेरे जीवन का है कुछ आस्तित्वजब तुम थे...मैं हंसती, खिलखिलाती, मुस्कुराती थीमैं इठलाती, इतराती, गुनगुनाती थीमैं लहलहाती, चहचहाती, शर्माती थीमैं सबकी ख़ुशियों में शामिल नज़र आती थीमैं सबको सुकून बांटती थीमैं ग़म का हल भी चुटकियों में निकाल लेती थीमैं दुनिया से लड़ने का माद्दा रखती थीमैं कल्पनालोक में विचरण करती थीइंद्रधनुष के सात रंग मेरे जीवन को रंगीन बनाते थेजब तुम थे...मेरी दुआओं में तुम ही तुम नज़र आते थेमेरी ज़िन्दगी में आई थी बहारमेरी आकांक्षा उमड़ती, घुमड़ती, सरसती थीमेरी सांसें अवाध्य गति से दौड़ती थींमेरी बातों में जादू टपकता थामेरी दुनिया सात रंगों से सजी थींमेरे सपने सजते, संवरते, सुलझते थेमेरे जीवन में उत्साह, उमंग, उन्माद थामेरे जीने का भी मक्सद हुआ करता थामेरे कई शौक...कुलांचे भरते थेहर काम में मेरी उपस्थिति झलकती थी...देखो न....पहले मैं क्या थी...और आज मैं क्या हूं...आज जब तुम मेरी ज़िन्दगी में नहीं....आज इन सबके अर्थ बदल गए हैं...मैं अकेली, असहाय, अनाथ हो गई हूं...सूखे पेड़ की डाली के टूटे पत्तों की तरह बेजान, ...

एक संदेश बहन का

एक बेटी का सन्देश अपने इकलौते भाई कोइस राखी पर भैया ,मुझे बसयही तोहफा देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बस यही इकवचन देना तुम ,बेटी हूं मैं , शायद ससुराल से रोज़ न आपाऊंगी ,जब भी पीहर आऊंगी , इक मेहमान बनकरआऊंगी ,पर वादा है, ससुराल में संस्कारों से,पीहर की शोभा बढाऊंगी ,तुम तो बेटे हो , इस बात को नभुला देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ -पापा का बस यही वचनदेना तुम ,मुझे नहीं चाहिये सोना-चांदी , न चाहियेहीरे-मोती ,मैं इन सब चीजों से कहां सुःख पाऊंगीदेखूंगी जब माँ-पापा को पीहर में खुशतो ससुराल में चैन से मैं भी जी पाऊंगीअनमोल हैं ये रिश्ते , इन्हें यूं ही नगंवा देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बसयही वचन देना तुम ,वो कभी तुम पर यां भाभी परगुस्सा हो जायेंगे ,कभी चिड़चिड़ाहट में कुछ कह भी जायेंगे ,न गुस्सा करना , न पलट के कुछ कहना तुम ,उम्र का तकाजा है, यहभाभी को भी समझा देना तुम ,इस राखी पर भैया मुझे बसयही तोहफा देना तुम ,रखोगे ख्याल माँ-पापा का , बसयही वचन देना तुम ।

कङवा सच

बेजुबान पत्थर पे लदे है करोडो के गहने मंदिरो में ।उसी देहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथो को देखा है।~:~सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे । बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है ।।~:~लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मजार ,पर बहार एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।~:~वो दे आया एक लाख गुरद्वारे में हाल के लिए , घर में उसको 500 रूपये के लिए काम वाली बाई बदलते देखा है।~:~सुना है चढ़ा था सलीब पे कोई दुनिया का दर्द मिटाने को, आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।~:~जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारन , आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है ।~:~जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी , आज लगाते उसको भंडारे मरने के बाद देखा है। . ~जिस घर की एकता की देता था जमाना कभी मिसाल दोस्तों ,आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है। - हमारा उद्देश्य सिर्फ सच्चाई को आप तक पहुचाना मात्र हैं,, हम क्षमा चाहते हैं अगर आपकी धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुचती हैं !!गुज़ारिश हैं आप इन शब्दों में छुपी सच्चाई को समझने के बाद ही कॉमेंट करे !!धन्यव...

आजादी आखिर है क्या ।

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हम बात अगर देश की आज़ादी की करें तो बस मन में टीस के अलावा कुछ नहीं होती है. भई !हम तो अब भी स्वतंत्र नहीं है और तब भी नहीं थे. पहले फिरंगियों के ग़ुलाम थे और अब इन कमीने नेताओं के! चारो ओर ज़रा आँखें बन्द करके नज़र दौड़ाईये, खोल के नहीं! आप पाएंगे कि भारत में अधिकतम सिर्फ़ 5% लोग ही आज़ादी ख़ास कर आर्थिक और सामजिक आज़ादी का फायेदा उठा रहे हैं, उनमें है हमारे नेता, बॉलीवुड सितारे और धर्म की आर्थिक दुकाने चलाने वाले ! बाक़ी सब दर्शक कीभांति उन्हें टीवी पर देखते हैं और अपना सब कुछ में से बहुत कुछ गंवा कर उन जैसा बनने की कोशिशकरते हैं या फ़िर बाक़ी सब की हालत सिर्फ़ क़व्वाली गाने वाले के पीछे बैठे ताली बजाने वालों से बढ़कर कुछ नहीं होती है!!!जब मैं आज़ादी के बारे में सोचता हूँ तो मैं पूरी सृष्टि के हर-एक मानव कि आज़ादी के बारे मेंसोचता हूँ, मानव ही क्या पूरी सृष्टि में हर-एक के लिए! यहाँ हम विस्तार में आगे जाने से पहलेकुछ व्यक्तिगत विचार आप तक पहुँचाना चाहूँगा. कुल मिला कर एक वाक्य में कहें तो पूरी मानवजाति की में जब एकता हो तो यह वास्तविक आज़ादी होगी! परन्तु अगले ही क्षण एक सवाल मन में ...

कलाम साहब के महान विचार

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डॉ. अब्दुल कलाम के शब्द Quote 1 : इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।Quote 2 : सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे  Quote 3 : इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।Quote 4 : एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय) के बराबर होता है Quote 5 : जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है, बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है,कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो।Quote 6 : आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत,असफलता नामक बिमारी को मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।Quote 7 : देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूमकी आखरी बेंचो पर मिल सकता है।Quote 8 : आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका फ्यूचर बदल देगी।Quote 9 : अपने जॉब से प्यार करो पर अपनीकम्पनी से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्...

अब्दुल कलाम साहब - सलाम, सलाम, सलाम

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जयसिँह शेखावत बबाई· वो ज्ञान थे विज्ञानं थे ,हर दिल की वो जान थे। कैसे भूलेंगे उनको ,ऐसे वो इन्सान थे ,न वो हिन्दू थे न वो 'मुसलमान थे ,वो तो सिर्फ और सिर्फ महान थे !! वो फ़क़त आदमी नहीं एक नेक दिल इंसान था ,भारत माँ का बेटा था वो सच्चा मुसलमान था जातपात ना जानी उसने ना धर्मो में भेद किया मेहनत ही उसकी पूजा थी मजहब हिंदुस्तान था । आधुनिक भारत के भगवान चले गए। इस देश के असली स्वाभिमान चले गए।।धर्म को अकेला छोड़ विज्ञान चलेगए। एक साथ गीता और कुरान चले गए।। मानवता के एकल प्रतिष्ठान चले गए। धर्मनिरपेक्षता के मूल संविधान चले गए।। इस सदी के श्रेष्ठ ऋषि महान चले गए। कलयुग के इकलौते इंसान चले गए।। ज्ञान राशि के अमित निधान चले गए।। सबके प्यारे अब्दुल कलाम चले गए।।  शत नमन.....मिसाइल मैन हमारे बीच नहीं रहे ............“सपने वे नहीं होते जो आपको रात में सोते समय नींद में आयेँ बल्कि सपने वे होते हैं जो रात में आपको सोने न दें।“ (डॉ॰ कलाम)डॉ. अवुल पकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम भारत के ऐसे पहले वैज्ञानिक थे , जो देश के राष्ट्रपति के पद पर भी आसीन हुए। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु...

कुछ सवाल......

"कुछ प्रश्न जो आपके दिमाग में भी होंगे" 1. यदि पाकिस्तान और भारत का बँटवारा धर्म के आधार पर हुआ जिसमे पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना तो भारत हिन्दू राष्ट्र क्यूँ घोषित नहीं किया गया? जबकि दुनिया मे एक भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है ! 2. तथाकथित राष्ट्र का पिता मोहनदास गांधी ने ऐसा क्यूँ कहा पाकिस्तान से हिन्दू सिखो की लाशे आए तो आए लेकिन यहाँ एक भी मुस्लिम का खून नहीं बहना चाहिए ? 3. मोहनदास करमचंद गांधी चाहते तो भगत सिंह जी को बचा सकते थे पर क्यूँ नहीं बचाया ? 4. भारत मे मुस्लिम के लिए अलग अलग धाराए क्यूँ है ? 5. ऐसा क्यूँ है की भारत से अलग होकर जीतने भी देश बने है सब इस्लामिक देश ही बने । क्यूँ ? 6. केरल मे कोई रिक्शा वाला वाहन चालक हिन्दू श्री कृष्ण जय हनुमान क्यूँ नहीं लिख सकता ? 7. भारत मे मुस्लिम 18% के आस पास है फिर भी अल्पसंख्यक कैसे है ? जबकि नियम कहता है की 10% के अंदर की संख्या ही अल्पसंख्यक है 8.कश्मीर से हिन्दुओ को क्यूँ खदेड़ दिया जबकि कश्मीर हिन्दुओ का राज्य था ? 9. ऐसा क्यूँ है की मुस्लिम जहा 30-40% हो जाते है तब अप...

बात तो ये भी सही है जी ।

चुटकुला तो नही है पर यह पढने के बाद एक प्यारी सी स्माइल जरूर आएगी.....1) कितना मुश्किल है, जिंदगी का सफर...,भगवान मरने नही देते और इंसान जीने नही देते।2) खून जिसका भी हो रंग सबका एक ही है,कैसे पता लगाया जाये बेगाना कौन है और अपना कौन है।3) चलो माना दुनियाँ बहुत बुरी है, लेकिनतुम तो अच्छे बनो तुम्हे किसने रोका है....!!4) जो जैसा है, उसे वैसा ही अपना लो…!!रिश्ते निभाने आसान हो जायेंगे..,5) “दुआ” कभी खाली नही जाती…बस लोग ईन्तजार नही करते..!!6 ) हे स्वार्थ तेरा शुक्रिया...एक तू ही है ,जिसने लोगो को आपस मेंजोड़ कर रख रखा है.7) वक़्त की मार तो देख... दुनिया जीतने वाले सिकंदर का देश ... दिवालिया हो गया....8) ''' गिरना भी अच्छा है,औकात का पता चलता है ,,''' बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को, अपनों का पता चलता है ,,9) बहुत देखा जीवन में समझदार बन कर,पर ख़ुशी हमेशा पागल बनने पर ही मिलती है...!!!10) गलती जिंदगी का एक पन्ना है;परन्तु 'रिश्ते' पूरी किताब हैं।ज़रूरत पड़ने पर 'गलती' का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना11) जिन्दगी के सफर से,ब...

अद्भुत भारत ।

भारत के बारे में 15 ऐसे तथ्य जो मजाकिया होने के साथ सच भी है।1. भारत एक ऐसा देश है जो कई स्थानीय भाषाओ द्वारा विभाजित है और एक विदेशी भाषा द्वारा एकजुट।2. भारत मे लोग ट्रैफिक सिग्नल की रेड लाइट पर भले ही ना रुके लेकिन अगर एक काली बिल्ली रास्ताकाट जाए हो हज़ारो लोग लाइन में खड़े हो जाते है। अब तो लगता है ट्रैफिक पुलिस में भी काली बिल्लियों की भर्ती करनी पड़ेगी।3. चीन अपनी सरकार की वजह से तरक्की कर रहा है और भारत में तरक्की ना होने का सबसे बड़ा कारण उसकी अपनी सरकारें ही रही हैं।4. भारत का मतदाता वोट देने से पहले उम्मीदवार की जात देखता है ना की उसकी योग्यता। अब इन लोगों को कौन समझाये की भाई तुम देश के लिए नेता ढूंढ रहे हो ना की अपने लिए जीजा।5. भारत एक ऐसा देश है जहाँ एक्टर्स क्रिकेट खेल रहे है, क्रिकेटर्स राजनीति खेल रहे है, राजनेता पोर्न देख रहे है और पोर्न स्टार्स एक्टर बन रहे है।6. भारत में आप 'जुगाड़' से करीब-करीब सब कुछ पा सकते है।7. हम एक ऐसे देश में रहते है जहाँ नोबेल शांति पुरस्कार मिलने से पहले लगभग कोई भारतीय नहीं जानता था की कैलाश सत्यार्थी कौन है। लेकिन अगर एक रशियन ...

भारतिय रेल का जनरल सफर

भारतीय रेल की जनरल class कासफ़र....जरूर पढे......रेल की जनरल बोगीपता नहीं आपने कभी भोगी कि नहीं भोगीएक बार हम भी कर रहे थे यात्राप्लेटफार्म पर देखकर सवारियों की मात्राहमारे पसीने छूटने लगेहम झोला उठाकर घर की ओर फूटने लगेतभी एक कुली आयामुस्कुरा कर बोला -'अन्दर जाओगे ?'हमने कहा - 'तुम पहुँचाओगे !'वो बोला - बड़े-बड़े पार्सल पहुँचाए हैंआपको भी पहुँचा दूंगामगर रुपये पूरे पचास लूँगा.हमने कहा - पचास रुपैया ?वो बोला - हाँ भैयादो रुपये आपकेबाकी सामान केहमने कहा - सामान नहीं है, अकेले हम हैंवो बोला - बाबूजी,आप किस सामान से कम हैं !भीड़ देख रहे हैं,कंधे पर उठाना पड़ेगा,धक्का देकर अन्दर पहुँचाना पड़ेगावैसे तो ये हमारे लिए बाएँ हाथ का खेल हैमगर आपके लिए दाँया हाथ भी लगाना पड़ेगामंजूर हो तो बताओहमने कहा - देखा जायेगा,तुम उठाओकुली ने बजरंगबली का नारा लगायाऔर पूरी ताकत लगाकर हमें जैसे ही उठायाकि खुद बैठ गयादूसरी बार कोशिश की तो लेट ही गयाबोला - बाबूजी पचास रुपये तो बहुत कम हैंहमें क्या मालूम था कि आप आदमी नहीं,एटम बम हैंभगवान ही आपको उठा सकता हैहम क्या खाकर उठाएंगेआपको उठाते-उठाते खुद...