भारतिय रेल का जनरल सफर

भारतीय रेल की जनरल class कासफ़र....जरूर पढे......रेल की जनरल बोगीपता नहीं आपने कभी भोगी कि नहीं भोगीएक बार हम भी कर रहे थे यात्राप्लेटफार्म पर देखकर सवारियों की मात्राहमारे पसीने छूटने लगेहम झोला उठाकर घर की ओर फूटने लगेतभी एक कुली आयामुस्कुरा कर बोला -'अन्दर जाओगे ?'हमने कहा - 'तुम पहुँचाओगे !'वो बोला - बड़े-बड़े पार्सल पहुँचाए हैंआपको भी पहुँचा दूंगामगर रुपये पूरे पचास लूँगा.हमने कहा - पचास रुपैया ?वो बोला - हाँ भैयादो रुपये आपकेबाकी सामान केहमने कहा - सामान नहीं है, अकेले हम हैंवो बोला - बाबूजी,आप किस सामान से कम हैं !भीड़ देख रहे हैं,कंधे पर उठाना पड़ेगा,धक्का देकर अन्दर पहुँचाना पड़ेगावैसे तो ये हमारे लिए बाएँ हाथ का खेल हैमगर आपके लिए दाँया हाथ भी लगाना पड़ेगामंजूर हो तो बताओहमने कहा - देखा जायेगा,तुम उठाओकुली ने बजरंगबली का नारा लगायाऔर पूरी ताकत लगाकर हमें जैसे ही उठायाकि खुद बैठ गयादूसरी बार कोशिश की तो लेट ही गयाबोला - बाबूजी पचास रुपये तो बहुत कम हैंहमें क्या मालूम था कि आप आदमी नहीं,एटम बम हैंभगवान ही आपको उठा सकता हैहम क्या खाकर उठाएंगेआपको उठाते-उठाते खुद ही दुनिया से उठ जायेंगे !।तभी गाड़ी ने सीटी दे दीहम झोला उठाकर भायेबड़ी मुश्किल से डिब्बे के अन्दर घुस पाएडिब्बे के अन्दर का दृश्य घमासान थापूरा डिब्बा अपने आप में हल्दी घाटी का मैदानथालोग लेटे थे,बैठे थे,खड़े थेजिनको कहीं जगह नहीं मिली,वो बर्थ के नीचे पड़े थे|।हमने एक गंजे यात्री से कहा - भाई साहबथोडी सी जगह हमारे लिए भी बनाइयेवो सिर झुका के बोला - आइये हमारी खोपड़ी पेही बैठ जाइयेआप ही के लिए तो साफ़ की है|केवल दस रूपये देना,लेकिन फिसल जाओ तो हमसे मत कहना|।तभी एक भरा हुआ बोरा खिड़की के रास्ते चढ़ाआगे बढा और गंजे के सिर पर गिर पड़ागंजा चिल्लाया - किसका बोरा है ?बोरा फौरन खडा हो गयाऔर उसमें से एक लड़का निकल कर बोलाबोरा नहीं हैबोरे के भीतर बारह साल का छोरा हैअन्दर आने का यही एक तरीका बचा हैये हमने आपने माँ-बाप से सीखा हैआप तो एक बोरे में ही घबरा रहे हैंजरा ठहर तो जाओ अभी गददे में लिपट करहमारे बाप जी अन्दर आ रहे हैंउनको आप कैसे समझायेंगेहम तो खड़े भी हैं वो तो आपकी गोद में ही लेटजाएँगे|।एक अखंड सोऊ चादर ओढ़ कर सो रहा थाएकदम कुम्भकरण का बाप हो रहा थाहमने जैसे ही उसे हिलायाउसकी बगल वाला चिल्लाया -ख़बरदार हाथ मत लगाना वरना पछताओगेहत्या के जुर्म मैं अन्दर हो जाओगेहमने पुछा-भाई साहब क्या लफड़ा है ?वो बोला - बेचारा आठ घंटे से बिना हिले डुलेपड़ा हैक्या पता ज़िंदा है की मरा हैआपके हाथ लगते ही अगर ऊपर पहुँच जायेगाइस भीड़ में ज़मानत करने क्या तुम्हारा बापआयेगा ?।एक नौजवान खिड़की से अन्दर आने लगातो पूरे डिब्बा मिल कर उसे बाहर धकियाने लगानौजवान बोला - भाइयों,भाइयोंसिर्फ खड़े रहने की जगह चाहिएएक अन्दर वाला बोला - क्या ?खड़े रहने की जगह चाहिएतो प्लेटफोर्म पर खड़े हो जाइयेजिंदगी भर खड़े रहिये कोई हटाये तो कहियेजिसे देखो घुसा चला आ रहा हैरेल का डिब्बा साला जेल हुआ जा रहा है !इतना सुनते ही एक अपराधी जोर से चिल्लाया -रेल को जेल मत कहो मेरी आत्मा रोती हैयार जेल के अन्दर कम से कमचलने-फिरने की जगह तो होती है !।एक सज्जन फर्श पर बैठे हुए थे आँखें मूँदेउनके सर पर अचानक गिरीं पानी की गरम-गरम बूँदेंतो वे सर उठा कर चिल्लाये - कौन है,कौन हैसाला ऊपर से पानी गिरा कर मौन हैदिखता नहीं नीचे तुम्हारा बाप बैठा है !।क्षमा करना बड़े भाईपानी नहीं हैहमारा छः महीने का बच्चा है कृपया माफ़ करदीजियेऔरअपना मुँह भी नीचे कर लीजिये।वरना बच्चे का क्या भरोसा !क्या मालूम अगली बार उसने आपको क्यापरोसा !!।अचानक डिब्बे में बड़ी जोर का हल्ला हुआएक सज्जन दहाड़ मार कर चिल्लाये -पकड़ो-पकड़ो जाने न पाएहमने पुछा क्या हुआ,क्या हुआ ?वे बोले - हाय-हाय,मेरा बटुआ किसी ने भीड़ में मार दियापूरे पांच सौ रुपये से उतार दिया टिकट भी उसी मेंथा !कोई बोला - रहने दो यार भूमिका मत बनाओटिकट न लिया हो तो हाथ मिलाओहमने भी नहीं लिया है पर आप इस तरह चिल्लायेंगेतो आपके साथ हम भी खामखाः पकड़ लिएजायेंगे?वे सज्जन रोकर बोले - नहीं भाई साहबमैं झूठ नहीं बोलतामैं एक टीचर हूँ।कोई बोला - तभी तो झूठ है टीचर के पास औरबटुआ ?इससे अच्छा मजाक इतिहास मैं आज तक नहीं हुआ !टीचर बोला - कैसा इतिहासमेरा विषय तो भूगोल हैतभी एक विद्यार्थी चिल्लाया - सर इसलिएतुम्हारा बटुआ गोल है !।बाहर से आवाज आई - 'गरम समोसे वाला'अन्दर से फ़ौरन बोले एक लाला - दो हमको भीदेना भाईसुनते ही ललाइन ने डाँट लगायी - बड़े चटोरे हो !क्या पाँच साल के छोरे हो ?इतनी गर्मी मैं समोसा खाओगे ?फिर पानी पानी चिल्लाओगे ?।अभी तो पानी मुह में आ रहा है समोसे खाते हीआँखों में आ जायेगाइस भीड़ में पानी क्या तुमको रेल मंत्री देजायेगा ?।तभी डिब्बे में हुआ हल्का उजालाकिसी ने जुमला उछाला ये किसने बीड़ी जलाईहै ?कोई बोला - बीड़ी नहीं है स्वागत करोडिब्बे में पहली बार बिजली आई हैदूसरा बोला - पंखे कहाँ हैं ?।उत्तर मिला - जहाँ नहीं होने चाहिए वहाँ हैंपंखों पर आपको क्या आपत्ति है ?जानते नहीं रेल हमारी राष्ट्रीय संपत्ति हैकोई राष्ट्रीय चोर हमें घिस्सा दे गया हैसंपत्ति में से अपना हिस्सा ले गया हैआपको लेना हो आप भी ले जाओमगर जेब में जो 4 बल्ब रख लिए हैंउनमें से एकाध तो हमको दे जाओ !अचानक डिब्बे में एक विस्फोट हुआहलाकि यह बम नहीं थामगर किसी बम से कम भी नहीं थायह हमारा पेट था उसका हमारे लिए संकेत थाकि जाओ बहुत भारी हो रहे हो हलके हो जाओहमने सोचा डिब्बे की भीड़ को देखते हुएबाथरूम कम से कम दो किलोमीटर दूर हैऐसे में कुछ हो जाये तो किसी का क्या कसूर हैइसिलए रिस्क नहीं लेना चाहिएअपना पडोसी उठे उससे पहले अपने को चल देनाचाहिएसो हमने भीड़ में रेंगना शुरू कियापूरे दो घंटे में पहुँच पाएबाथरूम का दरवाजा खटखटाया तो भीतर से एकसिर बाहर आयाबोला - क्या चाहिए ?हमने कहा - बाहर तो आजा भैये हमें जाना हैवो बोला - किस किस को निकालोगे ?अन्दर बारह खड़े हैंहमने कहा - भाई साहब हम बहुत मुश्किल में पड़े हैंमामला बिगड़ गया तो बंदा कहाँ जायेगा ?वो बला - क्यूँ आपके कंधेपे जो झोला टँगा हैवो किस दिन काम में आयेगा ...।इतने में लाइट चली गयीबाथरूम वाला वापस अन्दर जा चुका थाहमारा झोला कंधे से गायब हो चुका थामें भी अँधेरे का लाभ उठाकर अपने काम में लाचुका था |।अचानक गाड़ी बड़ी जोर से हिलीएक यात्री ख़ुशी के मारे चिल्लाया - 'अरे चली,चली'कोई बोला - जय बजरंग बली, कोई बोला - याअलीहमने कहा - काहे के अली और काहे के बली !गाड़ी तो बगल वाली चलीऔर तुमको अपनी चलती नजर आ रही है ?प्यारे !आम आदमी का हमसफ़र बन के देखोएक बार जनरल क्लास में सफ़र करके देखो।।‪#‎कॉपी‬जिसने भी सफ़र किया हो कॉमेंट जरूर करें !!_▄▄_

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