किशोर कुमार
किशोर कुमार (जन्म: 4 अगस्त, 1929 निधन: 13 अक्तूबर, 1987)
भारतीय फिल्मों के इतिहास में लोकप्रियता के नये आयाम रचने वालों में मशहूर पार्श्वगायक, अभिनेता व संगीतकार किशोर कुमार का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। जिस प्रकार अमिताभ बच्चन को सदी के महानायक की उपाधि प्राप्त है उसी तरह अगर किशोर कुमार को बीसवीं सदी का सुर सम्राट कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। किशोर कुमार के गाए हुए गीत हमारे देश की अनमोल धरोहर है। जिस पर हमें सारी दुनिया के सामने गौरव प्राप्त करने का अधिकार है।
सुरों का स्वामी
खण्डवा (मध्यप्रदेश) में जन्में किशोर कुमार गांगुली के दोनों भाई अशोक कुमार व अनूप कुमार फिल्मों से जुड़े रहे तथा दोनों ने फिल्मों में नाम कमाया। किशोर कुमार ने अपने समय के अधिकांश अभिनेता-अभिनेत्रियों के साथ अभिनय किया तथा सुरैया, आशा भोंसले, लता मंगेशकर, सुलक्षणा पंडित, अनुराधा पौडवाल, साधना सरगम आदि गायिकाओं के साथ गाया है।
किशोर की आवाज सबसे ज्यादा आशा भोंसले के साथ पसंद की गई। सुरों के इस स्वामी ने अपनी मधुर आवाज का जादू दर्शकों पर बिखेरा। जादू भरी आवाज के बल पर किशोर कुमार ने ढेर सारी शोहरत हासिल की। किशोर कुमार के सुरों में विविधता है। इतनी विविधता वाली आवाज किशोर कुमार की छोड़ कर किसी और की नहीं है। उन्होंने पर्दे के पीछे राजेश खन्ना, जितेन्द्र, अमिताभ बच्चन, रणधीर कपूर, शशि कपूर, राकेश रोशन आदि के लिए अपनी आवाज दी। अपने जमाने के सुपर स्टार राजेश खन्ना के अधिकांश गीत किशोर कुमार ने गाये। एक तरह से किशोर कुमार की आवाज ही राजेश खन्ना की हो गई थी।
किशोर कुमार ने राजेश खन्ना के लिए अराधना, कटी पतंग, अमर प्रेम, सफर, आपकी कमस सहित अनेक फिल्मों में गीत गाए हैं। इन्हीं गीतों की लोकप्रियता के बल पर ही राजेश खन्ना को सुपर स्टार का दर्जा प्राप्त हुआ था। राजेश खन्ना पर फिल्माए गए किशोर दा के अनेक गीत आज भी खासे लोकप्रिय हैं। किशोर कुमार के गीत जिन्दगी एक सफर है सुहाना (अंदाज), मेरे सपनों की रानी (आराधना) ये शाम मस्तानी, प्यार दीवाना होता है (कटी पतंग), जय-जय शिवशंकर (आपकी कसम) मेरे नयना सावन भादों (महबूबा) जिन्दगी प्यार का जीत है (सौतन) आदि ने लोकप्रियता के अनछुए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राजेश खन्ना के अलावा किशोर कुमार ने अमिताभ बच्चन व संजीव कुमार से लेकर अनिल कपूर तक के लिए पार्श्वगायन किया है। किशोर कुमार के गीतों में विविधता व सुर-ताल और लय का अनूठा संगम था। उनके गीतों में विविधता के साथ-साथ, नये-नये प्रयोगों का भी समावेश हुआ है। किशोर कुमार एक सफल गायक होने के साथ एक अच्छे अभिनेता भी साबित हुए। उनके अभिनय में विविधता थी। उन्होंने विविध प्रकार के रोल किये। रोल चाहे जैसा हो, वे हर चरित्र में खरे उतरते थे।
उन पर रोमांटिक छवि वाले नायक की भूमिका ज्यादा पसन्द की गई। पड़ोसन, पेइंग गेस्ट, मुसाफिर, गंगा की लहरे आदि फिल्में उनकी अभिनय क्षमता का परिचायक हैं। अपनी पारिवारिक फिल्म चलती का नाम गाड़ी में उन्होंने भाई अशोक कुमार, अनूप कुमार, पत्नी मधुबाला तथा बेटे अमित कुमार के साथ काम किया। फिल्म के सभी गीत लोकप्रिय हुए। इस फिल्म की गीत एक लड़की भीगी भीगी सी…आज भी लोकप्रिय है।
किशोर कुमार की एक के बाद एक फिल्में आती गयी और लम्बी कतारें लग गई। जहां तक उनके अभिनय का प्रश्न है उन्होंने एक से एक बड़े निर्देशक के साथ काम किया किशोर कुमार वह भाग्यशाली अभिनेता थे जिन्होंने अपने जमाने की मशहूर नायिका मधुबाला के साथ शादी की। उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा सफल नहीं हुआ क्योंकि कुछ अर्से बाद दिल में सुराख हो जाने से मधुबाला चल बसीं। किशोर कुमार की चौथी शादी ज्यादा सफल हुई जो उन्होंने फिल्म अभिनेत्री लीला चन्दावरकर से की। हालांकि किशोर कुमार बड़ी उम्र तक नहीं जी पाये, कुदरत ने उन्हें हमारे बीच से छीन लिया। किशोर कुमार का बेटा अमित कुमार भी गायक हैं। अमित पर अपने पिता की छाप है जो एक अभिनेता से ज्यादा गायक के रूप में सफल और सार्थक रहे। अमित ने त्रिदेव, लवस्टोरी, तेरी कसम में अपनी कर्णप्रिय आवाज दी है। किशोर कुमार अपने चुलबुलेपन के कारण फिल्मी उद्योग पर लम्बे समय तक छाये रहे पर वे एक अभिनेता से ज्यादा एक गायक के तौर पर कामयाब रहे। शायद ऐसी ही किसी शख्सियत के लिए किसी शायर ने कहा है-
बुलंदियों पर पहुंचना कोई कमाल नहीं।
बुलंदियों पर ठहरना कमाल होता है।
भारतीय फिल्मों के इतिहास में लोकप्रियता के नये आयाम रचने वालों में मशहूर पार्श्वगायक, अभिनेता व संगीतकार किशोर कुमार का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। जिस प्रकार अमिताभ बच्चन को सदी के महानायक की उपाधि प्राप्त है उसी तरह अगर किशोर कुमार को बीसवीं सदी का सुर सम्राट कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। किशोर कुमार के गाए हुए गीत हमारे देश की अनमोल धरोहर है। जिस पर हमें सारी दुनिया के सामने गौरव प्राप्त करने का अधिकार है।
सुरों का स्वामी
खण्डवा (मध्यप्रदेश) में जन्में किशोर कुमार गांगुली के दोनों भाई अशोक कुमार व अनूप कुमार फिल्मों से जुड़े रहे तथा दोनों ने फिल्मों में नाम कमाया। किशोर कुमार ने अपने समय के अधिकांश अभिनेता-अभिनेत्रियों के साथ अभिनय किया तथा सुरैया, आशा भोंसले, लता मंगेशकर, सुलक्षणा पंडित, अनुराधा पौडवाल, साधना सरगम आदि गायिकाओं के साथ गाया है।
किशोर की आवाज सबसे ज्यादा आशा भोंसले के साथ पसंद की गई। सुरों के इस स्वामी ने अपनी मधुर आवाज का जादू दर्शकों पर बिखेरा। जादू भरी आवाज के बल पर किशोर कुमार ने ढेर सारी शोहरत हासिल की। किशोर कुमार के सुरों में विविधता है। इतनी विविधता वाली आवाज किशोर कुमार की छोड़ कर किसी और की नहीं है। उन्होंने पर्दे के पीछे राजेश खन्ना, जितेन्द्र, अमिताभ बच्चन, रणधीर कपूर, शशि कपूर, राकेश रोशन आदि के लिए अपनी आवाज दी। अपने जमाने के सुपर स्टार राजेश खन्ना के अधिकांश गीत किशोर कुमार ने गाये। एक तरह से किशोर कुमार की आवाज ही राजेश खन्ना की हो गई थी।
किशोर कुमार ने राजेश खन्ना के लिए अराधना, कटी पतंग, अमर प्रेम, सफर, आपकी कमस सहित अनेक फिल्मों में गीत गाए हैं। इन्हीं गीतों की लोकप्रियता के बल पर ही राजेश खन्ना को सुपर स्टार का दर्जा प्राप्त हुआ था। राजेश खन्ना पर फिल्माए गए किशोर दा के अनेक गीत आज भी खासे लोकप्रिय हैं। किशोर कुमार के गीत जिन्दगी एक सफर है सुहाना (अंदाज), मेरे सपनों की रानी (आराधना) ये शाम मस्तानी, प्यार दीवाना होता है (कटी पतंग), जय-जय शिवशंकर (आपकी कसम) मेरे नयना सावन भादों (महबूबा) जिन्दगी प्यार का जीत है (सौतन) आदि ने लोकप्रियता के अनछुए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राजेश खन्ना के अलावा किशोर कुमार ने अमिताभ बच्चन व संजीव कुमार से लेकर अनिल कपूर तक के लिए पार्श्वगायन किया है। किशोर कुमार के गीतों में विविधता व सुर-ताल और लय का अनूठा संगम था। उनके गीतों में विविधता के साथ-साथ, नये-नये प्रयोगों का भी समावेश हुआ है। किशोर कुमार एक सफल गायक होने के साथ एक अच्छे अभिनेता भी साबित हुए। उनके अभिनय में विविधता थी। उन्होंने विविध प्रकार के रोल किये। रोल चाहे जैसा हो, वे हर चरित्र में खरे उतरते थे।
उन पर रोमांटिक छवि वाले नायक की भूमिका ज्यादा पसन्द की गई। पड़ोसन, पेइंग गेस्ट, मुसाफिर, गंगा की लहरे आदि फिल्में उनकी अभिनय क्षमता का परिचायक हैं। अपनी पारिवारिक फिल्म चलती का नाम गाड़ी में उन्होंने भाई अशोक कुमार, अनूप कुमार, पत्नी मधुबाला तथा बेटे अमित कुमार के साथ काम किया। फिल्म के सभी गीत लोकप्रिय हुए। इस फिल्म की गीत एक लड़की भीगी भीगी सी…आज भी लोकप्रिय है।
किशोर कुमार की एक के बाद एक फिल्में आती गयी और लम्बी कतारें लग गई। जहां तक उनके अभिनय का प्रश्न है उन्होंने एक से एक बड़े निर्देशक के साथ काम किया किशोर कुमार वह भाग्यशाली अभिनेता थे जिन्होंने अपने जमाने की मशहूर नायिका मधुबाला के साथ शादी की। उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा सफल नहीं हुआ क्योंकि कुछ अर्से बाद दिल में सुराख हो जाने से मधुबाला चल बसीं। किशोर कुमार की चौथी शादी ज्यादा सफल हुई जो उन्होंने फिल्म अभिनेत्री लीला चन्दावरकर से की। हालांकि किशोर कुमार बड़ी उम्र तक नहीं जी पाये, कुदरत ने उन्हें हमारे बीच से छीन लिया। किशोर कुमार का बेटा अमित कुमार भी गायक हैं। अमित पर अपने पिता की छाप है जो एक अभिनेता से ज्यादा गायक के रूप में सफल और सार्थक रहे। अमित ने त्रिदेव, लवस्टोरी, तेरी कसम में अपनी कर्णप्रिय आवाज दी है। किशोर कुमार अपने चुलबुलेपन के कारण फिल्मी उद्योग पर लम्बे समय तक छाये रहे पर वे एक अभिनेता से ज्यादा एक गायक के तौर पर कामयाब रहे। शायद ऐसी ही किसी शख्सियत के लिए किसी शायर ने कहा है-
बुलंदियों पर पहुंचना कोई कमाल नहीं।
बुलंदियों पर ठहरना कमाल होता है।
तस्वीरों में किशोर कुमार
![]() |
| किशोर कुमार और लीना चंद्रावरकर |
![]() |
| किशोर कुमार और सचिन देव बर्मन |
![]() |
| मोहम्मद रफ़ी, बड़े भाई अशोक कुमार और किशोर कुमार |
![]() |
| लता मंगेशकर, किशोर कुमार और बेटे अमित कुमार (पीछे) के साथ |
![]() |
| मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार |
![]() |
| राहुल देव बर्मन और किशोर कुमार |
![]() |
| किशोर कुमार और देव आनंद |
![]() |
| आशा भोंसले और किशोर कुमार |
![]() |
| किशोर कुमार और बप्पा लाहिरी |
![]() |
| किशोर कुमार |
![]() |
| किशोर कुमार |
प्रमुख फ़िल्में और प्रसिद्ध गीत
फ़िल्म फेयर पुरस्कारकिशोर कुमार को आठ फ़िल्म फेयर अवार्ड मिले हैं। किशोर कुमार को पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड 1969 में 'अराधना' फ़िल्म के गीत 'रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना' के लिए दिया गया था। किशोर कुमार की ख़ासियत यह थी कि उन्होंने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन के लिए अपनी आवाज़ दी और इन सभी अभिनेताओं पर उनकी आवाज़ ऐसी रची बसी मानो किशोर ख़ुद उनके अंदर मौजूद हों।हिन्दी सिनेमा जगत में प्रचलित किस्से
किशोर कुमार के सम्मान में जारी डाक टिकट
रशोकि रमाकुकिशोर कुमार को अटपटी बातों को अपने चटपटे अंदाज में कहने का फ़ितूर था। ख़ासकर गीतों की पंक्ति को दाएँ से बाएँ गाने में किशोर कुमार ने महारत हासिल कर ली थी। नाम पूछने पर वह कहते थे- रशोकि रमाकु।तीन नायकों को बनाया महानायककिशोर कुमार ने हिन्दी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उनकी आवाज़ के जादू से देव आनंद सदाबहार हीरो कहलाए। राजेश खन्ना को सुपर सितारा कहा जाने लगा और अमिताभ बच्चन महानायक हो गए।मनोरंजन करकिशोर कुमार ने बारह साल की उम्र तक गीत-संगीत में महारत हासिल कर ली थी। किशोर कुमार रेडियो पर गाने सुनकर उनकी धुन पर थिरकते थे। किशोर कुमार फ़िल्मी गानों की किताब जमा कर उन्हें कंठस्थ करके गाते थे। घर आने वाले मेहमानों को किशोर कुमार अभिनय सहित गाने सुनाते तो 'मनोरंजन-कर' के रूप में कुछ इनाम भी माँग लेते थे। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बतौर निर्देशक
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||











टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें