रक्षा बंधन

रक्षा बंधन का पर्व स्नेह का, प्रेम का और परंपराओं की रक्षा का पर्व है। रक्षा की प्रतिबद्धता का पर्व है। यह भावनाओं और संवेदनाओं से जुड़ा पर्व है। राखी के धागों का जो भाव है, वह जिस विचार के प्रतीक हैं वे भाव जीवन को बहुत ऊंचा बनाने वाले होते हैं। रक्षा बंधन आत्मीयता और स्नेह के बंधन से रिश्तों को मज़बूती प्रदान करने का पर्व है। यही कारण है कि इस अवसर पर हर कोई किसी न किसी बंधन में बँधने के लिए आतुर दिखाई देता है। गुरू शिष्य को रक्षासूत्र बाँधता है तो शिष्य गुरू को। प्राचीन काल में जब स्नातक अपनी शिक्षा पूरी करने के पश्चात गुरुकुल से विदा लेता था तो वह आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उसे रक्षा सूत्र बाँधता था जबकि आचार्य अपने विद्यार्थी को इस कामना के साथ रक्षासूत्र बाँधता था कि उसने जो ज्ञान प्राप्त किया है वह अपने भावी जीवन में उसका समुचित ढंग से प्रयोग करे ताकि वह अपने ज्ञान के साथ-साथ आचार्य की गरिमा की रक्षा करने में भी सफल हो। इसी परंपरा के अनुरूप आज भी किसी धार्मिक विधि विधान से पूर्व पुरोहित यजमान को रक्षा सूत्र बाँधता है और यजमान पुरोहित को। इस प्रकार दोनों एक दूसरे के सम्मान की रक्षा करने के लिए परस्पर एक दूसरे को अपने बंधन में बाँधते हैं। इस प्रकार रक्षा बंधन एक ऐसा बंधन है जहां एक धागा पूरे कर्तव्य को निष्ठा की परिधि में बंध लेता है।
वास्तव में रक्षाबंधन हमारी संस्कृति का एक ऐसा त्योहार है जिसमें केवल भाई बहन ही नहीं बल्कि संपूर्ण समाज के पारस्परिक संबंधों को दृढ़ता देने की पावन भावना निहित है। रक्षा बंधन के माध्यम से एक भयमुक्त समाज की संरचना करना ही हमारे पूर्वजों का अभीष्ट रहा होगा। इसीलिए रक्षा बंधन को हमारी जीवन शैली के साथ जोड़ दिया गया। हमने जिस किसी को भी प्यार अथवा आदर दिया उसे रक्षा के सूत्र में बांध लिया अथवा स्वयं बंध गए। हमने जिस पेड़ को पूजा उसके चारों ओर कच्चे सूत के धागे के अटूट बंधन बांध दिए। देवी देवताओं की देहरी पर धागे बांध कर उनके प्रति असीम श्रद्धा व्यक्त की और अपने आप को उनके साथ जोड़ लिया। वृक्षों पर धागा लपेटना क्या रक्षा बंधन नहीं है? क्या इस के माध्यम से हम यह व्यक्त नहीं करते कि वृक्ष हमारे रक्षक हों। यह भी सत्य है कि वृक्ष हमारी रक्षा तभी कर पाएँगे जब हम उनकी रक्षा करेंगे। यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि अधिकतर उन्हीं पेड़ों पर धागा बांधने की परंपरा है जो हमारे स्वास्थ्य की और पर्यावरण की रक्षा के लिए अधिक उपयोगी रहे हैं।

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