आज की पढाई
यह आज की पढाई हैं
श्रेष्टता की अंधी दोड़ ने , स्वभाव भुला दिया .
कोपी जाँच करने वाले महाशयो को यह तक नही पता .
की इनके गलत जाँच ने कितने घरो को उजाड़ दिया .
पढाई के नाम पर हमको बना दिया रट्टू तोता .
अगर बचपन से रूचि का काम सिखाते , तो हम बन जाते
किसी विशेष कार्य के ज्ञाता .
इस पढाई ने हमको क्या दिया - तनाव , गुस्सा , एकाकीपन , इर्षा .
कोई मन का कार्य सीखते तो हमको क्या मिलता - ख़ुशी , आत्मविश्वास , विकास , जीवन्तता .
बचपन जला दिया , न जवानी का रहा पता .
श्रेष्टता की अंधी दोड़ में स्वभाव भुला दिया .
बेटा बाप का न रहा , भाई ने भाई को भुला दिया.
विश्वविधालय १०-१५ दिनों में परिणाम घोषित करने के दावे , समाचार पत्रों में घोषित करवाते
हैं .
परिणाम की गुणवक्ता का क्या आचार मंगवाकर खाते हैं .
सारा पैटर्न ही बदल गया मास्टर आज दो समान विधार्थियों में भी अंतर करने लग गया .
अरे भाई इन्सान हैं , खचर नही .
भगवन के लाल हैं , मच्छर नही .
पढाई की फीस ने निचे दबा दिया .
इन्सान और इन्सान के बिच में भेद करा दिया .
अगले दस वर्षो में सबसे शक्तिशाली देश बनने की बात करते हैं .
पढाई को पढाई नही कमाई , जुआ , सट्टा और धंधा समझते हैं .
पहले अभिरुचि के अनुसार कक्षाए लगाते थे .
आज सभी विधार्थियों को एक साथ बिठाते हैं .
माँ-बाप बिचारे क्या करे , जो चीज़ बेटा सीखना चाहता हैं . उसमे पैसा ज्यादा लगता हैं .
जभी तो केवल पढाई का चारा बचता हैं.
आर . पी . ऍम . टी का एग्जाम और सिलेबस में फिजिक्स .
विशेषज्ञ कहते हैं माइंड खोलने के लिए हमने फिजिक्स . को किया फिक्स .
बच्चा मरता तो क्या नही करता .
रूचि थी doctary यानि बोयोलोजी , जूलोजी , बोटनी आदि .
मगर पढ़नी पढ़ रही हैं फिजिक्स .
फ़ैल नही होता तो क्या होता .
पढाई में भी राजनीति -- फॉर्म में भरवाते हैं फ्रेशर हो या रिपीटर .
अरे भाई क्या तुमको इन्हें लेके जाना हैं घर .
बच्चा अगर बचपन से अपनी रूचि की लाइन में चले तो उसमे उसकी
कमाई भी हो , और हो बड़ाई भी .
माँ-बाप की इच्छा अनुसार चले तो बर्बाद भी हो , और हो लड़ाई भी.
ज्ञान के नाम पर बच्चो को घमंडी बना दिया .
दूसरो को निचा दिखाने की परवर्ती ने भगवान को झुठला दिया .
जहा पहले बच्चे हष्ट - पुष्ट हुआ करते थे .
और आज जब चश्मा चड़ा तो पढाई का धोस जता दिया .
पहले माँ अपने लल्ला को दूध माखन खिलाती थी .
आज याददास्त बड़ाने की दवा बाजार से अपने लल्ला के लिए
मंगवाती हैं.
और कुछ नही मिलता तो खुद चटा मार के पढाती हैं .
पढाई ने घरो में भेदभाव बड़ा दिया .
रही सारी क़सर आरक्षण के कारण
इसने तो पुरे समाज को ही भेदभावी बना दिया .
जहा देखो वहा पढाई में आरक्षण हावी हैं .
नेता -नांगलो अब भी चेत जाओ अभी तो केवल गुर्जर खड़े हुए थे .
अब तो ब्राह्मण , राजपूत , बनिया पता नही किस किस की बारी हैं .
यह आज की पढाई ही हैं जिसकी कोई वजह नही .
संस्कृत को तो भुला दिया , अब हिंदी का भी पता नही .
कुछ बात की जाये अब भ्रष्टाचार व् घुस की .
बेकारी , बेरोजगारी , चोरी , मक्कारी और लुट की .
भाइयो इन सभी का एक दुसरे से लिंक जुड़ा हैं .
जभी तो आज पढ़ा लिखा इन्सान भी गलत कार्यो में फसा पड़ा हैं .
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अन्ना ने किया आमरण अनशन .
यह देख जोश में आये बाबा ने भी कर दिया सत्यागृह आन्दोलन का आवाहन .
सरकार की कुर्सी हिली .
समझाईस का दौर हावी .
देश में चारो तरफ फ़ैल गई खलबली .
परन्तु इस हठी योग बाबा के सामने किसी की नही चली .
भ्रष्टाचार के खिलाफ बाबा रहे अड़े .
बाबा का जोश देख लाखो - करोडो युवा भी पंक्ति में हुए खड़े .
इन मुद्दों पर हुए दोनों पक्ष राजी _________
(१) मेडिकल , enginearing में हिंदी व् स्थानीय भाषा में हो पढाई .
न हो अंग्रेजी माध्यम की फितुलबाजी .
(२) भ्रष्टाचार के मामलो की सुनवाई के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जाये .
सरकार के भ्रस्ठ नेताओ को पार्टी से हटाया जाये .
(३)भ्रष्टाचार के दोषियों को हो उमर्कैद
इनकी निगरानी के लिए सेना के जवान हो मुस्तैद .
(४) एक साल में बने लोक सेवा बिल .
इस पर भी राजी हो गए मान्यवर मनमोहन सिंह और प्रतिभा पाटिल .
और इन मुद्दों पर अटक गई बात ____________
विदेशो में जमा कालाधन को रास्ट्रीय सम्पति घोषित करने पर सरकार की सहमती ,
अध्यादेश जारी नही होगा .
इस मुद्दे के लिए बाबा को और जोर लगाना होगा .
(२)भ्रष्टाचार के दोषियों को मृत्युदंड देने के लिए कानून बनाने पर अटक गयी बात .
बाबा उमर्कैद ही काफी हैं , आतंकवादियों को तो नही मिलता मृत्युदंड , रही बात अन्य
मुद्दों की तो उनमे तो हैं न हम आपके साथ .
(३) ५०० और १००० का नोट बंद नही होगा .
अभी तो इन्ही से काम चलाना होगा .
शाहरुख़ खान ने बाबा को आन्दोलन नही करने को कहा .
शाहरुख़ का कथन आया .
जो देश की जनता को बिलकुल नही भाया .
जनता का आक्रोश पानी की भाती बहा .
शाहरुख़ ने कहा -
जिसका जो काम हैं उसे वही करना चाहिए ...
अरे भाई शाहरुख़ जब तुम अभिनेता होकर आईपीएल की टीम खरीद सकते हो तो
बाबा को आन्दोलन करने से क्यों डरना चाहिए .
बड़े आदमी हैं , कुछ भी कह सकते हैं .
अपने प्रचार के लिए यह बाबा के साथ भी रह सकते हैं .
बंद दरवाजे कर लो , बात मेरी दिल में भर लो .
अब तुमको , कोई , रोक नही पायेगा .
सच बात कहते हैं , दिल में न रखते हैं .
बदनाम वो हो जायेगा , आरोप जो लगाएगा .
पीठ पीछे कहते हो , डरे -डरे से रहते हो .
अनाड़ी बन जायेगा , जो हमसे टकराएगा .
बात मेरी तुम समझलो , बात ये जरुरी हैं .
तस्सली से समझलो , किस बात की देरी हैं .
कवी नही हु मैं , मन की भावनाए लिखता हु .
जो मन कहता हैं , बकवास कर जाता हु .
बुरा तुम न मानना , ये लिखना मेरी गलती हैं .
इस बात की ही तो मिलती प्रसिधी हैं .
लोग कहते मुझे , अभी हुआ जवान हैं .
जेब से कंगाल और भाग्य से महान हैं..
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