समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,
समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,वह निकल जाता है हम में से अनेक लोग असहाय से देखते ही रह जाते हैं | कुछ ही लोग हैं जो अपने कर्मों से उसे पकड़ लेते हैं , समय जब हमारे साथ होता है ,तो लगता है की सभी कुछ हमारा हो गया है ,यहाँ तक की जमीन और आसमान भी, इसके साथ ही पीछे छूट गए लोगों में यह अफ़सोस गहरा हो जाता है ,की हम तो उनसे पिछड़ गए हैं | हम सोचते हें की हम समय के साथ क्यों नहीं चल पाए, इसे आदमी आलस्य की रस्सी बंधे, अपने भाग्य को कोसते ही रह जाते हैं | समझने की बात यह है की जो समय की कद्र नहीं करता है वह समाप्त हो जाते हैं | यदि हम समय की कद्र करेंगे तो समय हमारी कद्र करेगा | बहुत से लोग अपना समय बेकार की बातों में ही बिता देते हैं, वे अक्सर इसी बहस करते हैं , जिनमे विचार के लिए कोई मुद्दा ही नहीं होता, बिना मुद्दे के बहस इसे होती है जेसे... ,सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम -लट्ठा... | समय आगे पीछे नहीं देखता है | मुड़कर देखना तो उसकी सत्ता में है ही नहीं | हमारी अविकसित सोच ही विकास में बाधा उत्पन्न करती है | विकास की परिभाषा भी यही है क...
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