अनुभव

1...  अनुभव सोने के समान होता है। सोना आग में तप-तप कर और खड़ा होता जाता है। उसी तरह अनुभव दिन-रात की मेहनत, लगन और तप से प्राप्त किया जाता है। अनुभव किताबों में पढ़कर नहीं पाया जाता। ज्ञान किताबों से अर्जित किया जा सकता है। क्या हम उनुभव बाज़ार से ख़रीद सकते हैं। क्या इसका हम निर्माण कर सकते हैं। नहीं न। यह तो उस बैंक बैलेंस की तरह है जो हमारे हर प्रयास के साथ दुगुनी होती जाती है। हां परीक्षा में सफलता प्राप्ति के लिए ज्ञान की आवश्यकता पड़ती है, पर जीवन में कई ऐसे इम्तिहान हमें देने पड़ते हैं जहां किताबी ज्ञान काम नहीं आता और अनुभव सफलता के द्वार पार करा देता है। इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि जीवन के अच्छे-बुरे अनुभव ही हमारा शिक्षक और उचित मार्ग दर्शक होते हैं। वे ही किताबी ज्ञान से कहीं बेहतर और महत्वपूर्ण होते हैं। ज्ञान हमें योग्य बनाते हैं, पर हमारी योग्यता में निखार अनुभव की कसौटी पर तप कर ही आते हैं।   2....  

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