कुछ लोग



कुछ लोग तिलिस्मी होते हैं...मतलब बहुत ही सादा और सीधे लेकिन आप न चाहते हुए भी खिंचे चले जाते हैं उनकी तरफ़..

बहुत ही साधारण सी बात है, और बहुत मुश्किल भी..कितने ही लोगों से आप रोज मिलते हैं, टकराते हैं, देखते हैं, सुनते हैं, पढ़ते हैं...लेकिन कुछ लोग कभी-कभी बड़ी ख़ामोशी से क़दम रखते हैं और हो सकता है कि आपकी ज़िंदगी में असल में भी न क़दम न रखा हो बल्कि वर्चुअली कहीं टकरा गए हों आपसे और बहुत गहरा प्रभाव छोड़ दिया हो आपके मन पर..

कुछ अलग ही आभा होती है ऐसे लोगों की जो छा जाती है आप पर और कितना भी न-न कर लें आप, संभालें नहीं संभाल पाते ख़ुद को..

हालाँकि कई लोग इसे इश्क़ कह सकते हैं लेकिन मैं इसे तुरंत इश्क़ कहने से बचूँगा क्यूँकि ये इश्क़ नहीं बस एक अनसमझा रूहानी सा एहसास होता है, जो किसी के बारे में आपको अच्छा या कुछ अलग सा महसूस कराता है, हाँ, ये अलग बात है कि बाद में कभी ये इश्क़ में तब्दील हो सकता है..

और मैं इसे आकर्षण भी नहीं कहूँगा क्यूँकि आकर्षण का मुख्य कारण रंग-रूप हो सकता है, लेकिन इस तरह की स्थिति में आप किसी के बाहरी रूप से ज़्यादा उसके किसी भीतरी रूप से कहीं ज़्यादा प्रभावित हुए होते हैं और और ये कुछ-कुछ वैसा ही अनुभव है जैसा कि पहली बार झूला झूलते समय होने वाली गुदगुदी, जिसे आप महसूस करते हैं लेकिन ये असल में है कैसी, वो बताना थोड़ा सा मुश्किल होता है..

कुछ शख़्सियत होती ही ऐसी हैं कि आप कुछ पॉज़िटिव महसूस करते हैं, कुछ जुड़ाव सा लगता है, हालाँकि इस भाव का कोई सही-सही नाम नहीं, लेकिन अच्छा सा हो सकता है...और वैसे भी, इंसान ही तो एक है जिसने नवाज़ा है ऊपरवाले ने भावनाओं से, और क्या पता जिन नवरसों की खोज हमने की है उनसे परे और भी कुछ रहस्यमयी भावनायें होती हों, जिन्हें हम चुँकि जान न सके इसलिए कोई नाम भी नहीं दिया..

बहुत विचित्र है, लेकिन अब है तो है...और ख़ुद सोचकर देखिए कि क्या सच में ऐसा नहीं है ? अपनी अब तक की ज़िंदगी में बहुत कम ऐसे तिलिस्मी लोगों से टकराए होंगे आप भी, जिनसे कोई रिश्ता न होते हुए भी आपके मन तक पहुँचकर छू लिया होगा उन्होंने. 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,

परफेक्शन

धर्म के नाम पर