आजादी

🇮🇳

मुबारक़बाद आप सभी को, उस दिन के लिए जिस दिन ये देश आज़ाद हुआ..और बेइन्तहां ख़ुशी होना भी चाहिए और मैं ख़ुश हूँ भी..

लेकिन मैं बहुत ज़्यादा ख़ुश उस दिन होऊँगा, जिस दिन इस देश की सड़कें, मंदिर और मदरसे लड़कियों के लिए सुरक्षित होंगे, हम अपने लड़कों को औरतों का सम्मान करना सिखा सकेंगे, कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा, कोई ग़रीब भूख से नहीं मरेगा, हर बच्चा अच्छे स्कूल जा सकेगा, साफ़ पानी और अच्छा खाना सभी का बेसिक अधिकार होगा, हर एक के पास रोज़गार होगा, हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा नहीं होगा, इंसान की जान की क़ीमत कम से कम एक गाय से ज़्यादा होगी..लोग अपनी विरासत में ज़मीन-जायदाद के बजाय अच्छे विचार छोड़ेंगे..एक इंसान अपने तऱीके से ज़िंदगी को जीना चाहे तो लोग उसे जज न करें और उसके घरवाले उसे अपने तऱीके से जीने के लिए तानों के रूप में क़ीमत न वसूलें..

कितना कुछ और है जो मैं चाहता हूँ कि सच हो, लेकिन हर चीज़ सच नहीं हो सकती..तो हम सोच लेते हैं कि कभी तो सब अच्छा होगा, और न भी हो तो उम्मीद तो है ही, और सबसे ज़्यादा हमारी कोशिशें तो हैं ही न..तो कोशिश करिए, अपने मन का करिए और प्रेम कीजिये, यही असल आज़ादी है. 

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