मोदी का अभिनन्दन
पुनः अभिनन्दन.....!!
संभालिये फिर देश की कमान और रक्षा कीजिये बढाये शान।
आपके चमत्कारी नेतृत्व का स्वागत....वंदन....अभिनंदन.. सम्पूर्ण राष्ट्र को एक बार फिर सशक्त नेतृत्व मिलने पर बधाई..
जब सत्ता बोली 'मोदी मोदी' (जयकारा)
विपक्ष भी बोला 'मोदी मोदी' (हाय हाय वाला)
तो चुनाव हो गया 'मोदी मोदी' (मोदी के साथ या मोदी के ख़िलाफ़)
तो वोटर ने भी कह दिया 'मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी मोदी'
तो मोदी मोदी मोदी मोदी के अलावा और क्या होना था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा पहले से बड़ी और शानदार जीत के लिए बधाई
इस पूरे चुनाव में विपक्ष कोई मुद्दा ऐसा नहीं बना पाया जिससे मोदी सरकार घिरती
बेरोजगारी, किसान की समस्या, नोटबंदी, GST, फलाना, ढिमकना जैसा कोई मुद्दा जनता में था ही नहीं
2019 का चुनाव सिर्फ इतना था कि आप मोदी के साथ हैं या मोदी के खिलाफ
खासतौर से दिल्ली में तो जिससे पूछो वही मोदी मोदी करता था
जिसके आधार पर मैंने अपने हर दोस्त/सहयोगी/जाननेवाले को माहौल पूछने पर यही बताया
'दिल्ली में सभी सीट मोदी के नाम पर बीजेपी जीतेगी, साथ ही अपने इतिहास में पहली बार बीजेपी दिल्ली में 50% वोट शेयर का आंकड़ा पार कर जाएगी'
और अंत ही नतीजा भी वैसा ही हुआ
केवल दिल्ली नहीं पूरे देश मे....
लगातार दूसरी बार कांग्रेस पार्टी मुख्य विपक्षी दल का औपचारिक दर्जा हासिल नहीं कर पाएगी
राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चौकीदार चोर है' बोलते रहे, राफेल डील में 30,000 करोड़ घोटाले का आरोप लगाते रहे
लेकिन जनता में यह आरोप बिल्कुल भी काम नहीं कर पाया
उत्तर प्रदेश में तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन महागठबंधन कहलाया
लेकिन मोदी नाम इतना बड़ा हो गया कि उत्तर प्रदेश में जातिगत समीकरण भी फेल हो गए
सपा बसपा ने राहुल गांधी के खिलाफ कोई उम्मीदवार भी खड़ा नहीं किया था उसके बावजूद राहुल गांधी अमेठी से स्मृति ईरानी से हार गए
आखिर यह सब क्यों हुआ? कैसे हुआ
इसकी बहुत लंबी समीक्षा करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है
मेरे शब्दों में 2019 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का मतलब सिर्फ इतना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी लगातार यही कहती रही कि हम ही सरकार बनाएंगे और नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे
जबकि विपक्ष यह कहीं नहीं कह रहा था कि हम सरकार बनाएंगे या कौन हमारा प्रधानमंत्री होगा बल्कि सिर्फ यह कह रहा था कि मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।
दो लाइनों में कहूँ तो
'वो हारा नहीं क्योंकि वो सिर्फ़ जीतने की सोच रहा था
ये जीते नहीं क्योंकि ये सिर्फ़ हराने की सोच रहे थे'
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