सभ्यता

*🌺🌺लघु कथा*: ----

एक नवयुवती बस में बैठी, अगले स्टॉप पर एक दबंग और क्रोधी बूढ़ी माँ आईं और उसके बगल की सीट पर बैठ गईं। उन्होंने अपने कई बैग युवती से सटाकर रख दिए।

बूढ़ी महिला के दूसरी ओर बैठी महिला परेशान हो गई, उसने युवती से कहा कि वह बूढ़ी महिला से क्यों नहीं बोलती या कुछ कहती।

युवती ने मुस्कराते हुए जवाब दिया:

*"हर बात पर असभ्य व्यवहार या बहस करना आवश्यक नहीं, मैं अगले स्टॉप पर उतरने वाली हूं।"*

यह प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है जिसे सुनहरे अक्षरों में लिखी जानी चाहिए:

*हर बात पर असभ्य व्यवहार या बहस करना आवश्यक नहीं, आखिर हमारे साथ की यात्रा है ही कितनी लम्बी!*

अगर हमें यह एहसास हो जाए कि यहाँ हमारा समय कितना कम है; तो व्यर्थ के झगड़े, निरर्थक तर्क, दूसरों को माफ नहीं करना, बात-बात पर असहमति और दूसरों में गलती खोजने वाला रवैया समय और ऊर्जा की बर्बादी का कारण नहीं तो और क्या है?

अगर किसी ने आपका दिल तोड़ा?

शांत रहो, आखिर यात्रा इतनी छोटी जो है।

क्या किसी ने आपके साथ विश्वासघात किया, धमकाया, धोखा दिया या अपमानित किया?
शांत रहें, क्षमा करें, आखिर

इस यात्रा की अवधि कोई नहीं जानता।

कोई नहीं जानता कि उनका पड़ाव कब आएगा। हमारी यात्रा एक साथ इतनी कम है कि मालूम नहीं अगले पल क्या होने वाला है।

तो क्यों नहीं, हम अपने दोस्तों व परिवारजनों का ध्यान रखें और अपने काम को संजोएं।

*आईए, हम एक-दूसरे के लिए सम्मानजनक हों🌹

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