मनोहर परिकर


मनोहर पर्रिकर भारत के पहले आईआईटी शिक्षित मुख्यमंत्री बने थे।
सरल व सौम्या , शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं।
मनोहर पर्रिकर धूम्रपान नहीं करते है।
मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए स्कूटर से साधारण व्यक्ति की भांति ऑफिस जाते थे।
पर्रिकर को लोग ” स्कूटर वाले सीएम “ के नाम से भी जानते हैं।
पर्रिकर हाफ शर्ट पहनना पसंद करते हैं।
वह वीआईपी रेस्टोरेंट व पांच सितारा होटलों की बजाय सड़क के किनारे लगे फुटपाथ पर चाय और नाश्ता किया करते थे।
वहां से मोहल्ले भर की खबर जुटा लिया करते थे।
उनका मानना है कि सड़क के किनारे लगे चाय के स्टॉल पर सभी पॉलीटिशियन को चाय पीना चाहिए , राज्य की सभी जानकारी वहां मिल जाती है।
दिल्ली में सड़क के किनारे चाय की दुकान पर सही जानकारी मिलेगी यह यह गारंटी नहीं है।
उन्हें दिल्ली पसंद नहीं था वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलाने पर दिल्ली आए थे।
पर्रिकर का मानना था कि किसी भी इलाके का जायजा लेना हो तो वह कार्य चाय की दुकान से सरल हो जाता है।
पर्रिकर कहते हैं रक्षा मंत्री बनने के बाद सुरक्षा की दृष्टि से स्कूटर चलाना मना किया गया , लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या मैं स्कूटर पर अभी भी सफर करता हूं ? मैं उनसे कहता हूं कि ” अब नहीं करता मेरे दिमाग में काम को लेकर सोच चलती रहती है और स्कूटर चलाते समय अगर मेरा दिमाग कहीं और है तो फिर मैं किसी हादसे का शिकार हो सकता हूं।
वीआईपी होने का फायदा नहीं उठाते लाइन में लगकर सामान्य नागरिक की भांति अपना कार्य करवाते हैं।
पर्रिकर बिना सिक्योरिटी के किसी से भी लिफ्ट लेकर अपने गंतव्य तक चले जाते थे।
उनमें एक साधारण बात थी कि वह बिना किसी संकोच के बिना लाव – लश्कर लिए अकेले सड़क पर चल दिया करते थे।
पर्रिकर कहते हैं ” मैं गोवा की जनता का ट्रस्टी हूं , तो मैं जो भी निर्णय लेता हूं , अगर उसमें खामी है तो यह मेरा व्यक्तिगत नुकसान है , मैं अपने संज्ञान में लोगों का एक भी पैसा व्यर्थ नहीं खर्च करता। “
पर्रिकर रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक 28 – 29 सितंबर 2016 को करने का आदेश दिया।
उनकी सादगी के कारण ही उन्हें कई बार बड़े – बड़े समारोह में और पांच सितारा होटलों में प्रवेश करने पर साधारण व्यक्ति जान , रोक दिया जाता था।
मुख्यमंत्री रहते हुए वह कहीं भी स्कूटर से औचक निरीक्षण के लिए निकल जाया करते थे।
उन्हें हूटर लगी गाड़ियां पसंद नहीं थी।
क्षेत्र का दौरा और कहीं भी आसपास आना-जाना स्कूटर से ही किया करते थे।
शादी समारोह में भी वह पंक्ति में लगकर खाना लेते नजर आते थे। यह उनके व्यवहार व सादगी का ही दर्शन है। – —
योग्यता को देखते हुए ही उन्हें 26 वर्ष की आयु में आर एस एस ( RSS ) का संघचालक बनाया गया था।
एक जगह मीटिंग में गए वहां प्रोटोकॉल के लिए सभी अधिकारी सदस्य खड़े थे , वह अपना थैला उठाकर अंदर चले गए। बाहर से अधिकारी आए , प्रोटोकॉल अधिकारी ने  जब पूछा साहब कहां है ? तो अधिकारियों ने बताया साहब अभी थोड़ी देर पहले थैला लिए अंदर गए हैं। सभी आश्चर्यचकित रह गए उन्हें नहीं पता था कि अंदर एक साधारण व्यक्ति जो गया है वह गोवा का नया चीफ मिनिस्टर है।
कॉलेज की घटना एक लड़का जो हॉस्टल में सिगरेट दारू आदि का सेवन करता था , वह ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखता था। उसका परिवार इन सभी चीजों से सदैव दूर रहता था। एक दिन पर्रिकर अपने कमरे में उसी साथी के साथ बैठे हुए थे और हाथ में उस लड़के ने एक सिगरेट व एक पेग लिया हुआ था। अचानक कमरे का दरवाजा खटखटाने की आवाज आई। लड़के ने दरवाजा खोला तो दिखा सामने उसके पिताजी खड़े थे। वह अचंभित हो गया उसकी समझ में नहीं आया कि वह क्या करें।पर्रिकर ने साथी कि सिगरेट और शराब उठाई जिसे वह कभी नहीं छुआ  करते थे और बाहर जाने लगे , यह सब देखकर उस लड़के के पिता जी घृणा करते हुए , अपने बेटे से कहते हैं ऐसे बच्चों की संगत में मत रहना।
इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा अपने कार्यक्रम आप की अदालत में पर्रिकर से सवाल पूछते हैं ” राफेल डील काजल की कोठरी है , तो आप फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं ?
पर्रिकर का जवाब था – ” आपने काजल की उपमा दी है , तो महिलाओं से पूछो काजल कितना महत्वपूर्ण है ? अब आपकी मर्जी काजल का कैसा प्रयोग करना है। इस प्रकार के हाजिर जवाब नपे – तुले शब्दों से दिया करते थे।

वो आज नही है मगर यु लगता है जेसे वो है यही कही . . . .

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,

परफेक्शन

धर्म के नाम पर