किताब

एक क़िताब के बारे में.....

चुंकि मुझे हर तरह की क़िताबें पढ़ने का शौक है, तो 'रिच डैड पुअर डैड' क़िताब पढ़ रहा था थोड़े वक़्त पहले, जो दरअसल वित्तीय-प्रबंधन या फाइनैंशियल-मैनजेमेंट के बारे में है कि कैसे हमें स्कूल्स और कॉलेजेस में सिर्फ़ एक अच्छी नौकरी पाने के लिए पढ़ाया जाता है जबकि पैसे के बारे में कुछ भी नहीं सिखाया जाता..

क़िताब में एक अच्छी बात और मिली कि,
"अगर आप पैसे के लिए काम करते रहेंगे तो एक डर के साथ जीते रहेंगे, कि अग़र किसी दिन ये न हुआ तो क्या होगा..और लोग जितनी ज़्यादा तनख्वाह पाते जाते हैं उतने ही अपने खर्चे और लोन्स बढ़ाते जाते हैं, इसके बजाय अपने आप को इस बात के लिए तैयार कीजिए कि आप उन चीज़ों के बिना भी जीने का जज़्बा न खोयें, और तभी आप ज़िंदगी में रिस्क ले सकते हैं और बहुत पैसा न होने के डर के बिना जीना सीख सकते हैं, जो बहुत ज़रूरी भी है."

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