कोरोनिल

मित्रों, मैं कोई डॉक्टर नहीं हूँ.  इस बात पर 100% निश्चित मत रखता हूँ कि भारतीय संस्कृति के काफी हद तक भूले हुये योग -प्राणायाम व आयुर्वेद को पूरे देश की जनता तक पहुंचाने का पुनीत कार्य बाबा रामदेव व उनकी संस्था पतंजलि ने किया है. और यह भी 100% विश्वास है कि लाखों लोगों को प्राणायाम व पतंजलि की दवाओं से बहुत लाभ भी हुआ है. पर इससे भी बड़ी बात यह है कि बाबा ने योग प्राणायाम सिखाने के साथ ही करोड़ों भारतीय को राष्ट्रभक्ति की अपनी बातों से राष्ट्रप्रेम का संदेश भी दिया है. मोदीजी की 2014 की जीत में कहीं न कहीं 2-4-5-10 प्रतिशत योगदान पतंजलि के लाखों उपभोक्ताओं का भी अवश्य रहा है. स्व. राजीव दीक्षित जी के साथ बाबा रामदेव की स्वदेशी की भावना का मैं बहुत सम्मान करता हूँ.

वर्तमान में पतंजलि का व्यापार हजारों करोड़ में पहुंच चुका है. छोटी मोटी भूल और कभी कभी बाबा रामदेव के हंसी मजाक के कुछ कमेन्ट को छोड़ दिया जाये तो 2014 तक कांग्रेस शासन में पतंजलि व बाबा रामदेव पर विभिन्न धाराओं में पचासियों केस दर्ज किये गये लेकिन क्या एक भी मामले में बाबा या पतंजलि को दोषी साबित किया जा सका?  याद रखिये कि इन्हीं बाबा रामदेव को कांग्रेस सरकार हत्या करवाने की कोशिश तक कर चुकी है. पर सभी संस्थाओं ने पूरी कोशिश करने के बावजूद बाबा या पतंजलि को दोषी साबित करने में कोई सफलता नहीं पाई. 

आज जब बाबा रामदेव कह रहे हैं कि उनकी संस्था ने कोरोना संक्रमितों के लिए एक आयुर्वेदिक दवा खोज ली है और इसका 200 से अधिक लोगों (100 मरीजों पर -पतंजलि का आधिकारिक बयान) पर प्रयोग भी किया गया है, तो हम उनपर विश्वास क्यों नहीं कर सकते? और विश्वास न भी करें तो विरोध करने की क्या आवश्यकता है?  क्या पतंजलि की किसी दवा या बाबा रामदेव के योग प्राणायाम करने से आपको पहले कभी कोई नुकसान हुआ है? आयुर्वेदिक दवाओं से नुकसान तो वैसे भी नहीं होता. फिर 500₹ के आसपास की दवा अगर आपको कुछ लाभ दे सकती है तो इतना विरोध क्यों? फिर भी विरोध करना है तो आप मत लीजिये ये दवा कोरोना संक्रमित होने पर. पर दुष्प्रचार तो न करिये.

मुझे बाबा रामदेव व पतंजलि की इस 'कोरोनिल' पर पूर्ण विश्वास है और अगर मेरे परिवार व नजदीकियों में -भगवान न करे कि कोई कोरोना संक्रमित हो- अगर कोई बीमार होता है तो मैं यह दवा अवश्य प्रयोग करूंगा..

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