मातृभाषा

एक लड़के को सेल्समेन के इंटरव्यू में इसलिए
बाहर कर दिया गया क्योंकि उसे
अंग्रेजी नहीं आती थी। लड़के को अपने आप पर
पूरा भरोसा था । उसने मैनेजर से
कहा कि आपको अंग्रेजी से क्या मतलब ?
यदि मैं अंग्रेजी वालों से ज्यादा बिक्री न करके
दिखा दूं तो मुझे तनख्वाह मत दीजिएगा।
मैनेजर को उस लड़के बात जम गई। उसे
नौकरी पर रख लिया गया।
फिर क्या था, अगले दिन से ही दुकान
की बिक्री पहले से ज्यादा बढ़ गई। एक
ही सप्ताह के अंदर लड़के ने तीन
गुना ज्यादा माल बेचकर दिखाया।
स्टोर के मालिक को जब पता चला कि एक नए
सेल्समेन की वजह से बिक्री इतनी ज्यादा बढ़
गई है तो वह खुद को रोक न सका । फौरन उस
लड़के से मिलने के लिए स्टोर पर पहुंचा।
लड़का उस वक्त एक ग्राहक को मछली पकड़ने
का कांटा बेच रहा था। मालिक थोड़ी दूर पर
खड़ा होकर देखने लगा।
लड़के ने कांटा बेच दिया। ग्राहक ने कीमत पूछी।
लड़के ने कहा – 800 रु. । यह कहकर लड़के ने
ग्राहक के जूतों की ओर देखा और बोला – सर,
इतने मंहगे जूते पहनकर मछली पकड़ने जाएंगे
क्या ? खराब हो जाएंगे। एक काम कीजिए, एक
जोड़ी सस्ते जूते और ले लीजिए।
ग्राहक ने जूते भी खरीद लिए। अब
लड़का बोला – तालाब किनारे धूप में
बैठना पड़ेगा। एक टोपी भी ले लीजिए। ग्राहक ने
टोपी भी खरीद ली। अब लड़का बोला –
मछली पकड़ने में पता नहीं कितना समय लगेगा।
कुछ खाने पीने का सामान भी साथ ले जाएंगे
तो बेहतर होगा। ग्राहक ने बिस्किट, नमकीन,
पानी की बोतलें भी खरीद लीं।
अब लड़का बोला – मछली पकड़ लेंगे तो घर कैसे
लाएंगे। एक बॉस्केट भी खरीद लीजिए। ग्राहक ने
वह भी खरीद ली। कुल 2500 रु. का सामान
लेकर ग्राहक चलता बना।
मालिक यह नजारा देखकर बहुत खुश हुआ । उसने
लड़के को बुलाया और कहा – तुम तो कमाल के
आदमी हो यार ! जो आदमी केवल मछली पकड़ने
का कांटा खरीदने आया था उसे
इतना सारा सामान बेच दिया ?
लड़का बोला – कांटा खरीदने ? अरे वह
आदमी तो केयर फ्री सेनिटरी पैक खरीदने
आया था । मैंने उससे कहा अब चार दिन तू घर में
बैठा बैठा क्या करेगा । जा के मछली पकड़ ……
(शिक्षा ---अंग्रेजी बोलने वालो को अन्हकार के
सिवाय कुछ नहीं आता ! वो लोग ये क्यों भूल
जाते है कि अमेरिका मे टाय्लेट साफ़ करने
वाला भी अंग्रेजी बोलता है !कोई इन्सान
कितना ज्ञानवान है इस बात का अंदाजा उसके
अंग्रेजी बोलने से नहीं लगाया जा सकता !)
इसलिए भाइयो हमे अपनी राष्ट्र
भाषा का सम्मान करना चाहिए और गर्व
करना चाहिए क्यों की वेस्ट में जाकर तो सूरज
भी अस्त हो जाता है...

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