संकल्प
पूरा साल निकल गया बस यही सोचते-सोचते कि अगले आने वाले साल 2020 के लिए क्या संकल्प लिया जाए..
सोचता रहा कि ऐसा क्या है जो सुधारूँ ख़ुद में, या जोड़ूँ ख़ुद में, या बदलूँ ख़ुद में...
बहुत सोचा लेकिन ऐसा कुछ समझ ही नहीं आया जो करने का संकल्प करूँ अगले नए साल में।
फ़िर सोचा कि अपनी आदतों और दिनचर्या पर नज़र डालता हूँ, तो शायद कुछ हाथ लगे कुछ..वरना पता लगा पूरी दुनिया न्यू-ईयर रेज़ोल्यूशन में लगी है, और में सिर्फ सोचते ही रह जाऊंगा 😂
लेकिन ये मशक्क़त भी काम न आई, और अंततः कुछ ऐसा न मिला जिसका संकल्प ले सकूँ..ख़ैर, अंत में यह निर्णय लिया इस बंदे ने कि इस नए साल में भी ऐसा ही रहा जायेगा और बिल्कुल भी ख़ुद को बदला नहीं जाएगा। हाँ, इतना ज़रूर है कि अभी जैसा हूँ उन आदतों को और बढ़ाऊँगा और थोड़ा ज़्यादा और वक़्त दूँगा..
ज़्यादा कुछ नहीं, बस 1% ज़्यादा अच्छे ढंग से क़िताबें पढ़ूँगा, अपने काम में 1% और बेहतर इनपुट दूँगा .और भी बहुत कुछ, और हर काम, आदत, शौक, दोस्ती, वगैरह को 1% ज़्यादा क्वालिटी वक़्त दूँगा।
इसके अलावा सोचता हूँ कि इस बीते साल में क्या हासिल किया, तो नज़र आए कुछ बेहतरीन लोग, कुछ बेहतरीन क़िताबें, और सबसे ज़्यादा थोड़ी सी और ज़िद अपने मन का करने और उसी के हिसाब से जीने की..सच में, कितने ही लोग होंगे जो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हों मुझे दरअसल कभी फ़र्क़ पड़ा ही नहीं, मैं जो हूँ, जैसा हूँ, ख़ूब हूँ; इतना ही जानता हूँ..और इंसान ही हूँ भगवान नहीं जो हमेशा सही ही होऊँगा, ग़लतियाँ करता हूँ और उन्हें एंजॉय करता हूँ, जिसे नहीं पसंद, ये उसकी प्रॉब्लम है मेरी नहीं..
जो मन में आता है कह देता हूँ, और कोई गुरेज़ नहीं अपने मन का कह देने में, कि इंसान हूँ; ग़लत हो सकता हूँ लेकिन छुपाना पसंद नहीं, जो हूँ, बस वही हूँ.. ख़ैर, आप में से बहुतों को न मैं समझ आता होऊँगा और न मेरी बातें, लेकिन फ़िर भी झेलना तो पड़ेगा ही न।
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