जिंदगी

से मत पूछो जिंदगी क्या है.. हम तो बीते है कभी इस लम्हा, कभी उस लम्हा.. हमने तो जी है जिंदगी कभी इस किस्सा, कभी उस किस्सा.. बस हमारा कोई किस्सा न हुआ.. ।
..अब तो बस जिंदगी पैमाने मे बची शराब के उस आखरी घूंट के जैसे है, जिसे ना पिया जाये.. ना छोङा जाये.. पी लिया तो लगेगा बची नही.. और छोङ दिया तो लगेगा के छूट गयी कमबख्त  ।

..जिंदगी.. ।।

..जिंदगी.. अब और मुझे क्या देगी.. ।
..चंद फासले और, मेरे उसके दरमया देगी.. ।।

..जिंदगी.. फिर कुछ रंज मुझमे जोङेगी.. ।
..जिंदगी.. फिर जिंदगी से बङा हादसा देगी.. ।।

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