तनाव. . .
आपाधापी और भौतिकतावादी की इस दुनिया में सबके अपने-अपने तनाव हैं। कोई पैसे के पीछे, कोई कर्जे में, कोई रिश्ते में, कोई दोस्ती में, कोई पढ़ाई में तो कोई लड़ाई में कहीं ना कहीं जब हम अपनी आकांक्षाओं और दूसरों के द्वारा हमसे या हमारे द्वारा दूसरों से की गई अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते हैं तो जीवन में तनाव होना स्वाभाविक है।
तनाव क्या हे ? ?
मन के भावों में उलझन, मन की लहरों में तीव्र स्पंदन, मन का उदास होना या मन ही मन तारों का बुरी तरह से खिंचाव जो कि असह्यय हो जाये और काबू से बाहर हो जाये या किसी के द्वारा रात दिन भौतिक या आत्मिक प्रताड़ना दी जाए तो ! तो क्या अपनी ही ज़िंदगी समाप्त कर लेना सबसे सरल उपाय हे ?
जिंदगी समाप्त कर लेना यानी उस तनाव से या अपनों से दूर हो जाना पर उन्हें मझधार में छोड़ जाना, तनावपूर्ण ज़िन्दगी जीने के लिए, जिंदगी समाप्त कर लेना यानी भाग खड़े होना अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों से। जी नहीं यह अंतिम उपाय नहीं है, यह तो बस बहुत बड़ी नादानी है ! जो कि बस हम गुस्से में कर बैठते है।
तो फिर क्या करें ? ?
करने को बहुत कुछ है यदि कुछ देर शांत मन से सोचें तो - अपने मन के भावों को समझिए उन्हें शांत होने का मौका दीजिये, क्या और क्यों ये तनाव है ? दूसरों से अपेक्षा कम रखिये और दूसरों की अपेक्षाओं के लिए भी ज़रूरत से ज्यादा "लोड" दिमाग पर मत लीजिये।अपने आप को उतना ही खींचिए जितना जिंदगी में जरूरी है इतना नहीं कि रबर की तरह खुद को तोड़ने तक।
अपने आप को हर कसौटी पर कसिए, यदि दम है तो खम ठोकिये वरना एक कदम पीछे ले लीजिए। लोग क्या कहेंगे कि मानसिकता से बाहर आ जाइये क्योंकि लोगों का काम है कहना। अपने अहंकार, अपने दब्बूपन या अपनी शेखी बघारने जैसी कोई भी आदत, कभी भी किसी भी मोड़ पर आपको धता बता सकती है अतः जितना अधिक हो सके इनसे बचिए।
जीवन मे चमत्कार में विश्वास कम और अपने कर्म में ज्यादा रखिये। भगवान हैं तो उनका अस्तित्व मानिए पर हर काम उनके भरोसे ना करिये। और अंत में यही की तनाव ही ज़िन्दगी को आगे बढ़ाता है इसलिए उसका प्रबंधन याने उसे "मैनेज" करना सीखिए।
यदि नहीं आता तो किताबें पढ़िए, प्रकृति से बातें करिये, अपनों से संबंध सुधारिये, थोड़ा घूम फिर कर आइये। कुछ दिन काम से आराम लीजिये, जो ज्यादा तनाव देते हैं उनसे थोड़ी दूरी बना लीजिए, कुछ भी कीजिये पर तनाव में कभी भी अपनी ज़िंदगी को ख़त्म ना कीजिये !
एक अन्धेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे !
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन, नादाँ हैं जो जीवन से हारे !!
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