कुत्तो की सेवा
मेरे दिल और ज़हन में काफी वक़्त से एक सवाल ने अपना घर कियाहुआ है अजीब सी उलझन में हूँ बहुत कोशिश की जवाब ढूंढने की नहींमिला तो सोचा भी छोड़ ना क्या करना है फिर भी पीछा नहीं छोड़ता ।मैंने देखा है अपने ही क़स्बे में लोगो ने अपने घरों में कुते पाले हुए हैआखिर इन कुतों से फायदा क्या है । या तो यूँ कहूँ की कुते उनकेलिए माँ बाप से बन गए या यूँ कहूँ की वो तमाम लोग कुतों की नस्लोमें आ गए मेरी बात को ना तो अन्यथा लेना और ना ही दिल सेलगाना बस सोचना जरूर एक बार ।20 20 हज़ारों में कुते लेके आते है 1000 से 2000 रूपये उन कुतोंपर रोज़ का खर्चा करते है कोई मॉस खाता है या कुछ मैंने एक दोस्तकी दूकान से dog foods भी देखे उनकी कीमतें देखी 200 रूपय500 रूपये नहलाने के लिए शेम्पु साबुन वगेरा वगेरा ।मुझसे मत कहना अपने मन में अपने दिल में मेरी बातों का बस चिंतनकरना । क्या आपने इतनी सेवा अपने माँ बाप की की है ।अगर बुजुर्ग है बीमार है चलने फिरने में असमर्थ हैक्या उनको सहारा देकर toilet तक ले गए होक्या कभी उनको अपने हाथो से नहलाया हैक्या उनके लिए कभी बाजार से खाने पिने के लिए कोई सामान लेकेआये होक्या कभी प्यार से उनको अपने गले से लगायाक्या उनको कभी प्यार से अपने हाथो से खाना खिलायाक्या कभी उनको कही बहार सुबह शाम घुमाने के लिए लेके गए होक्या कभी उनके कदमो को चूमा हैमैं आपसे इन सवालो के जावाब नहीं माँगूँगा बस आप जिस जिस केघर कुते है उनसे चिंतन करने के लिए कहूँगा । मन में सोचना की क्यामैं जो कह रहा हूँ वो सब गलत कह रहा हूँ ।अगर मैं सही हूँ सच कह रहा हूँ तो अब सोच कर देखिये की क्याआपने अपने माँ बाप की ज़िन्दगी कुतों से गई गुजरी नहीं बना दी ।दरख्त अगर फल देना बंद कर देता है तो दोस्तों तो वो छाया देनाकभी नहीं छोड़ता और जब सुख जाये तो अपनी लकडिया भी देकरजाता है ।माँ बाप दरख्तों से कम नहीं कुतों को छोडो माँ बाप की सेवा करोउनका भी दिल होता है कभी बच्चे पूछे कैसे हो आप उनकी तामामइच्छाए पूरी हो जाती है अगर आप महज ये पूछ लेते हो माँ बाबू जीकैसे हो क्या चाहिए आपको कुछ इच्छा है तो बताओ ।दूसरा अगर आप माँ बाप की अगर सेवा भी करते हो और कुते भीपालते हो तो दोस्तों कुतों को छोडोगाय पालो घर में गाय बाँधोमेरा ये मनना है जिस घर में गाय हो उस घर में भूख गरीबी दराद्रिताकभी उस घर का मुह नहीं देखतीगाय का गोबर काम आता है गाय का धुंध काम आता है गाय का मूत्रकैंसर जैसी भयानक बीमारी की दवा ।और गाय की सेवा हिन्दू धर्म के शास्त्रों में लिखी है हम उन्हें माँकहते है वो पालन करती हैगाय का खर्चा यकीन मानो घर में पल रहे एक दिन के खर्च सेउसका महीने भर का खर्चा निकल जाता है100 रुपये का घास आता है चारा आता है रोज़ का महीने का 3000रुपयेऔर एक गाये normal से normal 2 वक़्त में 10 लीटर दूध तोदेती ही है मतलब500 रुपये का दूध देती है ।अब आप खुद सोचो हिसाब लगाओगाय की सेवा से आपको जन्नत नसीब होगी
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