सुख
ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है क्या. तेरा कोई. स्थायी. पता. है✏क्यों बन बैठा है. अन्जाना आखिर. क्या है तेरा ठिकाना।✏कहाँ कहाँ. ढूंढा. तुझको पर. तू न. कहीं मिला मुझको✏ढूंढा. ऊँचे मकानों. में बड़ी बड़ी दुकानों. में स्वादिस्ट पकवानों. में चोटी. के. धनवानों. में✏वो भी तुझको. ढूंढ. रहे थे बल्कि मुझको. ही पूछ. रहे. थे✏क्या आपको कुछ पता है ये सुख आखिर कहाँ रहता है?✏मेरे. पास. तो. "दुःख" का पता था जो सुबह शाम. अक्सर. मिलता था✏परेशान होके रपट लिखवाई. पर ये कोशिश भी काम न आई✏उम्र अब ढलान. पे. है हौसले थकान. पे. है✏हाँ उसकी. तस्वीर है मेरे. पास अब. भी. बची हुई. है आस✏मैं. भी. हार नही मानूंगा सुख. के. रहस्य को. जानूंगा✏बचपन. में मिला करता था मेरे साथ रहा करता. था✏पर. जबसे. मैं बड़ा हो. गया मेरा. सुख मुझसे जुदा. हो गया।✏मैं फिर भी. नही हुआ हताश जारी रखी उसकी तलाश✏एक. दिन. जब आवाज. ये आई क्या. मुझको. ढूंढ. रहा है भाई✏मैं. तेरे. अन्दर छुपा. हुआ. हूँ तेरे. ही. घर. में. बसा. हुआ. हूँ✏मेरा. नही. है कुछ. भी "मोल" सिक्कों. में. मुझको. न. तोल✏मैं. बच्चों. की. मुस्कानों. में हूँ हारमोनियम की. तानों में. हूँ✏पत्नी. के. साथ चाय. पीने. में"परिवार" के. संग. जीने. में✏माँ. बाप के. आशीर्वाद में रसोई घर के पफवानो। में✏बच्चों। की सफलता। में। हूँ माँ। की। निश्छल। ममता में हूँ✏हर। पल। तेरे। संग रहता। हूँ और अक्सर। तुझसे कहता। हूँ✏मैं तो हूँ बस। एक "अहसास" बंद। कर दे तु। मेरी तलाश✏जो मिला उसी। में। कर "संतोष"आज को। जी। ले। कल की न सोच✏कल के लिए। आज। को न खोना मेरे लिए कभी दुखी। न। होना मेरे। लिए कभी। दुखी न होना
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