जीवन मृत्यु
अनिश्चितताओं से भरी इस ज़िंदगी का अटल सत्य — मृत्यु,
कभी खबर आती है कि पहलगाम जैसी खूबसूरत वादियों में कुछ मासूम लोग अचानक गोलियों के शिकार हो गए।
कभी सुनते हैं कि कोई मंच पर नाचते-नाचते मुस्कुराता हुआ इस दुनिया को अलविदा कह गया।
कहीं किसी सड़क हादसे में एक ही पल में हँसता-खिलखिलाता परिवार दुनिया छोड़ जाता है, तो कहीं अचानक आसमान में उड़ता विमान राख बनकर ज़मीन पर गिर पड़ता है।
हमारी सांसों का यह सफर हर क्षण एक ऐसे धागे पर चल रहा है, जो कब टूट जाए — कोई नहीं जानता। हमें लगता है कि हमारे पास बहुत वक्त है — कल कर लेंगे, परसों कर लेंगे, लेकिन हर बीतता पल हमें मृत्यु के करीब और करीब ले जा रहा है।
यही तो एकमात्र अटल सत्य है — मृत्यु।
इसीलिए कहते हैं, हर सांस ईश्वर का वरदान है। जो आज मिला है, वही सबसे बड़ा उपहार है। कौन जाने अगला क्षण किसे मिलेगा, किसे नहीं? इसलिए जितना हो सके, इस क्षण को प्रेम से जियो, आभार से जियो। किसी से कटु वचन कहने से पहले सोचो — क्या पता अगली मुलाकात ही न हो?
किसी से मनमुटाव हो तो उसे सुलझा लो — क्या पता किसके जीवन में अगला सूरज ही न उगे।
यह जीवन अनमोल है — और हर सांस किसी चमत्कार से कम नहीं। बस यही स्मरण रहे कि जब मृत्यु इतनी निश्चित है तो जीवन को हर हाल में सुंदर बनाना हमारा ही कर्तव्य है।
प्रेम दो, क्षमा करो, और हर सांस को धन्यवाद कहते हुए जियो — यही इस अनिश्चित संसार में सच्चा जीवन है।
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