समय

#जीवन_दर्शन ☺️
आओ थोड़ा समय के बारे में जानते है☺️

क्या समय 'बर्बाद' होता है? 

सुबह उठो, खाओ, फिर खाओ, रात में खाओ, देर रात मन कर जाए फिर खा लो और सो जाओ । फिर अगले दिन, उससे अगले दिन, हफ्ते, महीनों, हर रोज़ ज़िंदगी ऐसी ही चल रही है । लोग नकारा, नालायक, आलसी, बेरोजगार, काम का ना काज का... जो मन सो कह रहे हैं, कहने दो । 

लोगों को लगेगा आप समय बर्बाद कर रहे हैं । जो इस हाल में होते ही हैं उनके बारे में लोग यही सब तो कहते हैं । उस दौरान आप क्या क्या सोच रहे हो, कैसी कोशिशें कर रहे हो, कैसा महसूस कर रहे हो, किस किस के सही चेहरे देख पा रहे हो, अपना कहने वालों को केंचुली निकाल कर सांप बनता देख रहे हो, ये कोई नहीं समझेगा, सबको लगेगा आप समय बर्बाद कर रहे हो । 

सबकी छोड़ो, आप अपनी बताओ, क्या लगता है आपको? क्या आप सच में समय बर्बाद कर रहे हो? 'समय बर्बादी क्या होती है' जैसे विषय पर कोई महान किताब लिखी गई हो तो पता नहीं मगर अपनी सोच से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि समय बर्बादी जैसी कोई चीज़ होती है । 

जब हम कुछ सीख रहे होते हैं तो कभी समय बर्बाद नहीं होता और हम हमेशा कुछ न कुछ सीखते ही हैं । एक इंसान खुद को महीनों एक कमरे में बंद कर के तब भी उसका समय बर्बाद नहीं होगा । 

उस दौरान वो अकेलेपन का अर्थ समझेगा, छिपकलियों, चूहों, कीड़ों और मच्छरों से जान पहचान बढ़ाएगा, खिड़की से आने वाली धूप की चाल समझेगा, बाहर के शोर को नज़रंदाज़ कर के अपने अंदर की आवाज़ को सुनना सीखेगा, इसके साथ ही वो ऐसा बहुत कुछ सीखेगा जिसके बारे में वो उस कमरे में बंद होने से पहले कुछ नहीं जानता था । जब वो उस कमरे से निकलेगा तब इसके पास ऐसा ज्ञान होगा जिसके दम पर वो अकेले आगे बढ़ने और अकेले मुश्किलों से लड़ने से फिर कभी नहीं डरेगा । 

ऐसा समय किसी पर ना ही आए तो अच्छा, मगर कहीं आ जाए तो दिमाग पर लोड लेने की जरूरत नहीं । माना ज़िंदगी छोटी है मगर इतनी भी नहीं कि कुछ समय तक कुछ ना करने से समय बर्बाद हो जाए । 

एक सच ये भी है जितने भी महान लोग हुए उन्होंने खुद को महान साबित करने वाले बड़े काम तभी किए जब उन्होंने खुद के साथ समय बिताया, दुनिया से दूर हो कर लोगों को ये कहने का मौका दिया कि 'फलाना तो अपना समय बर्बाद कर रहा है ।' 

दुनिया की नजरों में गधा मजदूरी ही काम है, उन्हें लगता है बिना पसीना बहाए मेहनत नहीं होती । वो आगे बढ़ने के अन्य रास्तों को नहीं समझते । कामयाब की कामयाबी पर तालियां बजाते हैं लेकिन उनके तरीकों को बेवकूफी का नाम देते हैं ।

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