जो दिखता नही
मै अपनी कार से जा रहा था, रोड पर भीड़ बहुत थी, मेरी कार के आगे एक कार बहुत धीरे चल रही थी... मैंने खीझते हुए हॉर्न बजाए.... मन ही मन कार वाले को कहा चलाना नही आता तो क्यो गाड़ी ले आये.....
तभी कार पर लगे स्टीकर पर नजर पड़ी जिस पर लिखा था कि "कार में दिव्यांग है धैर्य रखें"
स्टीकर पर नजर जाते ही सबकुछ बदल गया...दिमाग शांत हो गया..गाड़ी धीरे हो गयी और उस गाडी के ड्राइवर के प्रति एक अलग तरह की फीलिंग आ गयी कि इन्हें दिक्कत ना आये...
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खैर घर थोड़ा देर से पहुँचा और जब खाली वक़्त मिला तो इस घटना को याद कर चिंतन किया कि एक स्टीकर मात्र ने सब कुछ बदल दिया, मेरा सोचने का तरीका बदल गया..... मैं इतना शांत और caring हो गया....
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एक स्टीकर हमारी भावनाओ को बदल देता है, हम ज्यादा धैर्यवान और caring हो जाते हैं.....
दिनभर ना जाने कितने लोगों से मिलते हैं उनमें से ना जाने कितने लोग अपनी व्यक्तिगत,शारिरिक और पारिवारिक परेशानियों से जूझ रहे हैं....लेकिन हमें मालूम नही होता क्योंकि उनके माथे पर कोई स्टीकर नही लगा कि वो परेशान हैं
उनकी जॉब चली गयी है
किसी प्रिय व्यक्ति को खो दिया है
वो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं
उनके पास पैसा नही है
आदि इत्यादि......
ना जाने सामने वाला अपनी मुस्कुराहट या हँसी के पीछे कितने गम छुपा रहा है...
हम सभी अपनी जिंदगियों में एक अदृश्य सा युद्ध लड़ रहे होते हैं जिसकी जानकारी किसी दूसरे को नही होती.....
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हम बस इतना कर सकते है कि दूसरों के प्रति, दयालु, धैर्यवान और सहनशील बने दुसरो से सहानभूति रखें.किसी की परेशानी में हम इतना तो कर ही सकते हैं 🙏
हम इन अदृश्य स्टीकरों को समझें ....
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