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अक्टूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छोटी छोटी बातें

किसी के चेहरे पे मुस्कुराहट दिल में ख़ुशी लाने के लिए छोटी-छोटी बातें भी बहुत होती हैं..लोगों को admire और appreciate करना सीखिए..किसी का कोई फेसबुक पोस्ट, व्हाट्सएप्प-स्टेटस, फेसबुक-स्टेटस आपको अच्छा लगे तो उस पर रियेक्ट और कमेंट करिए; उन्हें बताइए कि आपको कितना अच्छा लगा उस विचार, मीम या फ़ोटो को देखकर-पढ़कर.. लोगों को छोटी-छोटी बातों से कॉन्फिडेंस मिलता है..मैं फेसबुक-व्हाट्सएप्प पर दिल खोलकर अच्छे पोस्ट्स पर रियेक्ट करता हूँ, शेयर करता हूँ..किसी के व्हाट्सएप्प स्टेटस पे कुछ अच्छा लगता है तो रिप्लाई करके बताता हूँ..जबकि कुछ लोग बस दिन भर ऑनलाइन रहते हैं, सब देखते हैं लेकिन appreciate नहीं करते..क्या करेंगे यार इतने attitude का? मेरी बात मानकर देखिए, लोगों को appreciate करके देखिए, आपको सुक़ून मिलेगा और सामने वाले को ख़ुशी..और किसी को ख़ुशी देने के लिए छोटी-छोटी बातें भी बहुत होती हैं अगर सही तऱीके से की जायें, और कही जायें..और एक मुस्कुराहट बिखेरना जब इतना आसान है तो हमें क्यूँ नहीं करना चाहिए.. जीने की शुरूआत कहीं से तो करनी ही होगी न..बस एक बार शुरुआत करके देखिए, अच्छा लगेगा. 

कुछ लोग

कुछ लोग तिलिस्मी होते हैं...मतलब बहुत ही सादा और सीधे लेकिन आप न चाहते हुए भी खिंचे चले जाते हैं उनकी तरफ़.. बहुत ही साधारण सी बात है, और बहुत मुश्किल भी..कितने ही लोगों से आप रोज मिलते हैं, टकराते हैं, देखते हैं, सुनते हैं, पढ़ते हैं...लेकिन कुछ लोग कभी-कभी बड़ी ख़ामोशी से क़दम रखते हैं और हो सकता है कि आपकी ज़िंदगी में असल में भी न क़दम न रखा हो बल्कि वर्चुअली कहीं टकरा गए हों आपसे और बहुत गहरा प्रभाव छोड़ दिया हो आपके मन पर.. कुछ अलग ही आभा होती है ऐसे लोगों की जो छा जाती है आप पर और कितना भी न-न कर लें आप, संभालें नहीं संभाल पाते ख़ुद को.. हालाँकि कई लोग इसे इश्क़ कह सकते हैं लेकिन मैं इसे तुरंत इश्क़ कहने से बचूँगा क्यूँकि ये इश्क़ नहीं बस एक अनसमझा रूहानी सा एहसास होता है, जो किसी के बारे में आपको अच्छा या कुछ अलग सा महसूस कराता है, हाँ, ये अलग बात है कि बाद में कभी ये इश्क़ में तब्दील हो सकता है.. और मैं इसे आकर्षण भी नहीं कहूँगा क्यूँकि आकर्षण का मुख्य कारण रंग-रूप हो सकता है, लेकिन इस तरह की स्थिति में आप किसी के बाहरी रूप से ज़्यादा उसके किसी भीतरी रूप से कहीं ज़्यादा प्रभावित हुए होते हैं ...

हाथरस

हाथरस की बेटी मनीषा को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दोषियों को फांसी दी जाये।  संपूर्ण भारत की मांग। नमस्कार सभी देशवासियों को:-14 सितम्बर को जो बहिन मनीषा के साथ हुआ है, ऐसा बहुत सी बहिनो के साथ होता आया है, ओर तब तक होता रहेगा जब तक इसके लिए कोई सख्त कानून नही बनता।    कल निर्भया के साथ हुआ,दामिनी के साथ भी हुआ।और आज मनीषा के साथ हुआ। वो दिन आज भी हो सकता हैं वो दिन कल भी हो सकता जब मेरी या आपकी बहिन बेटी के साथ ऐसा हो जाये तो ,कब तक बच सकते हैं आप कभी भी घटित हो सकता। ओर ये जब तक होता रहेगा जब तक तुम लोग किसी बेटी को अपनी बेटी और किसी बहिन को अपनी बहिन नही मानोगे,  मेरे देशवासियों आज हमे उन क़ानूनो की कोई जरूरत नही जो चंद लोगो के लिये फायदा पहुंचाने के लिये बने हैं या बनाये जा रहे हैं।          हमे आज उस कानून की जरूरत हैं कि अगर कोई भी हमारी बहिन बेटियों के साथ ऐसी दरिंदगी करता है तो उसे सरेआम कानून द्वारा सजा दी जाए। इसके लिये पूरे देश को एक होकर केंद्र सरकार से आज ही कोई ऐसा कानून पारित करने के लिये आवाज उठाये। शत-शत नमन बहिन मनीषा हम शर्मिंदा...

तमाशा

कब तक हमलोग ये सब देखते और सुनते रहेगें,जब सरकार हर मुद्दे पर कड़ा कानून बना सकती है तो ये रेपिस्ट लोगों पे कड़ा कानून क्यों नही बना रही है, जब भी कुछ इस तरह की घटना होती है तो लोंगो में आक्रोश होता है वे क्रोधित होते हैं लेकिन कुछ कर नही पाते है, क्योंकि हमलोंगों की आवाज सुनने वाला कोई नही है,धीरे-धीरे ये गुस्सा खत्म हो जाता है और बात आई गई हों जाती हैं। अगर कोई दोषी कभी पकड़ा जाता है तो उसपे दोष सिद्ध होने में सालों लग जाते हैं।  ये कैसा कानून है ?  और हमलोग बस अपने स्टेटस और स्टोरी में बस RIP लगा के रह जाते है ! आख़िर उन बेरहमियो के लिए कानून क्यों नही बना रही है सरकार ।  हमलोग सिर्फ अफसोस करते रहते हैं और उसे भूलने की कोशिश करते हैं लेकिन फिर से कुछ नए ऐसी घटना सुनने को मिल जाती है जिससे रूह कांप जाती है ! आज देश मे मानवाधिकार, महिलाआयोग , हिन्दुत्व के सारे ठेकेदार व पत्रकारिता , पुलिस, सरकार व अदालत  सब निष्क्रिय हो चुका है ।।  दुर्गा काली बनने का तो पता नही लेकीन हा  आज जरूरत है देश की हर इक बेटी को  फूलन देवी बनने की ।। जो सीधे बलात्कारियो के सीने म...