कोरोना

शरीर से परे की बात है...
ऱाम ,कृष्ण ,बुद्ध ,महावीर, कबीर तुलसी ,ओशो भी अगर होते तो उनके शरीर पर भी ये वायरस असर करता ही.....सुकरात पर भी जहर का असर हूआ.....मीरा को जहर का असर नही हुआ ये मुझे काल्पनिक लगता है पर हल्का गहरे मे जाएं और माने की कृष्ण की कृपा से वो जहर अमृत भी हो गया इसलिए मीरा की मृत्यु का कहीं कोई उल्लेख नही है कहते हैं वो सशरीर ही मूर्ति में समा गई थी...!

शरीर मिट्टी है चाहे वह अवतार का ही क्यों न हो...उसे व्याधि, पीड़ा और मृत्यु से गुजरना ही होगा....!

जीवित बोलना सुनता चलता शरीर ही वह एकमात्र यंत्र है जिससे आत्मा के अस्तित्व का आभास होता है ....पर मृत शरीर के postmortem मे कभी आत्मा की मौजूदगी नही पाई गई..!
शरीर साधन है ..मंदिर है ..और हम आत्मा की खोज मे सफल हो या न हो..आखिर होना हर हाल मे इसे मिट्टी ही है...!
महत्व तो उस तथाकथित आत्मा का है...जिसका गीता मे जिक्र हैं ..जो ना कभी कटती हैं ना जलती है ना ही नष्ट होती है.. !

इसलिए अपने सुन्दर बलिष्ठ शरीर पर गुमान न करे घर पर रहें सुरक्षित रहे....अन्यथा हमे कभी आत्मा मिले न मिले..पर चित्रगुप्त हमारी हरेक ही file लिये चौराहे पर खड़ा है....और उसके target इतने भयानक है की अभी रामलाल की जगह श्याम लाल को भी ले जाने से नही चूक रहे...!

प्रिय मित्रों वो कहावत fail हो गई है अभी की अकेले आए थे अकेले जायेगें....अभी तो जो भी touch करेगा साथ उन सबको भी ले जायेगें..😃

 ( प्रेम अरूणा )

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