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परफेक्शन

परफेक्शन अच्छा होता है, लेकिन एक हद तक ही..बहुत ज़्यादा होना भी बहुत सही नहीं है.. कितना सही है न, बहुत ज़्यादा परफेक्शन भी ग़लत ही है, क्यूँकि उस लेवल के परफेक्शन के लिए ज़िंदगी के ब...

जिंदगी

रोज़ कई लोगों को देखता हूँ, जो मुँह लटकाए घर से निकलते हैं और वैसे ही वापस आते हैं दिन भर की थकान की एक धूल जिस्म पे लिए..बस एक नौकरी, धंधा या काम..और ज़िंदगी में कोई जोश नहीं, जुनून नह...

सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज जी ने राजनीति का चुनाव केवल राजनीति के लिए नहीं, वरन देश और सम्पूर्ण समाज की सेवा के लिए किया था। उन्होंने जो भी पदभार सँभाला उसको पूरी निष्ठा, ईमानदारी और कौशल से परिपूर्ण किया। विशेष रूप से उन्होंने विदेश मंत्री की भूमिका निभाने में जिस संवेदनशीलता, मानवीयता और राष्ट्र-गौरव का परिचय दिया , वह अविस्मरणीय रहेगा। सारा विश्व उनकी सोच, उनकी कार्यशैली, उनकी उदारता और  दृढ़प्रतिज्ञता  तथा उनकी तर्कसंगत संवाद-शैली का कायल रहा। वे ऐसी नेत्री थीं जिनका विपक्ष भी आदर करता था। उनकी वाणी में माधुर्य मिश्रित ओज का वह चमत्कार था जो प्रत्येक के हृदय को बरबस आकर्षित कर लेता था। इसका मुख्य कारण उनका 'मनसा-वाचा-कर्मणा' वाला व्यक्तित्व था। जो मन में था, वही वचन में था और वही उनके कर्म में था। ऐसी त्रिवेणी किसी-किसी के जीवन में ही बहकर उसे प्रयागराज बना पाती है। सुषमा की सुषमा का स्वराज ही ऐसा था जिसने उनके सुषमा स्वराज नाम की सार्थकता को सिद्ध किया। उनकी आवाज़ आज भले ही खामोश हो गई हो किन्तु उनकी आवाज़  सदियों तक हमारे मन मे गूंजती रहेगी।.... सुषमा स्वराज जी ने राजनीति के क्षेत्...

धारा 370

कश्मीरी पिछले सत्तर साल से हमारे कानूनी भाई थे, आज हमारे सगे भाई हुए। कश्मीर जोअबतक भारत का शोपीस था, आज भारत का मुकुट बना। उम्मीद है कि कश्मीर घाटी से आतंक और अलगाववाद की दु...