वो मासुम बच्चे....

मासूम जिंदगियों का सच....
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'कुछ मासूम जिंदगियां थम गई, कुछ मुस्कुराते चेहरे हमेशा के लिए सो गए!' मेरा ह्रदय भी विचलित है, पीड़ा ,सहन से परे ! बच्चों के माता पिता के दुख, मेरे मन को झकझोर रहा है ! क्या हुआ ? सोचने से पहले,मन में 'क्यूँ हुआ ?' आने का समय है !
शुक्रवार को इंदौर के कनाड़िया बाय पास रोड पर डीपीएस स्कूल की बस और ट्रक की भीषण टक्कर के हुए हादसे में 4 मासूम और बस चालक की मौत ने प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को झकझोर कर रख दिया। ख़ुशी -ख़ुशी स्कूल गए बच्चों के बिना कहे यूँ जन्नत चले जाने की पीड़ा उनके परिजनों को जीवन भर सालती रहेगी
7 साल की तीसरी कक्षा की छात्रा, की क्या गलती थी ? जो मां बाप के चुने हुए 'ऐ' क्लास स्कूल का 25 कि मी का सफर तय करके रोज़ पढने जाती थी ? इतनी दूर रोज़ जाने में 2 घंटे बस में खराब करती थी ? सोचता हूं क्या होता अगर घर के पास का स्कूल चुना होता, तो शायद आज ज़िंदगी होती और जंदगी में लम्हे भी होते !
क्या ज़रूरी है कि, मोटी रकम खर्च करके बच्चे से उसका समय खराब किया जाए ? लंबे सफर में झोकां जाए ? यात्रा के जोखिम से कौन वाकिफ नहीं ? फिर,कौन सा ऐसा स्कूल है ,जो अपने दम पर बच्चों को ऐम्स, आई आई टी, नीट आदि परिक्षाओं में सफलता दिलाता है ? स्कूल के बाद में तो प्राइवेट कोचिंग का ही आसरा होता है !!
क्या हुआ जो किसी बच्चे ने कांटिनेंटल लंच के मैनर्स स्कूल में नहीं सीखे ? या हार्स राईडिंग या फ्रेंच क्लास नहीं गया ? आखिर, समय बचे तो अभिभावक, उसके पंसद की क्लास करवा लें ! न कि, बड़े स्कूल के नाम पर फिसल कर बच्चे, पड़ोस कि 'भाभीजी' के बोल बच्चन से प्रभावित होकर अपने बच्चों को शहर के बाहर स्कूल में न धकेल दें !
क्यूँ न छोटे बच्चों को घर के पास के स्कूलों में भेजें ?ताकि बच्चे का बचपन खिल सके और बच्चे निगरानी में रहें ? क्या आज कोई अभिभावक शान से बोल सकता है की, 'हमारा बच्चा अमुक स्कूल में जाता है, और वहां हिफाज़त भी रहती है' ?
जिन लोगों ने अपने मासूमों को खोया है.उनके दुःख का कोई पार नहीं है, क्योंकि उन्हें ऐसी अपरिमित हानि हुई हाई जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। कृपया अपने बच्चों के स्कूल को स्टेटस सिंबल न बनाऐं, बल्कि, बच्चे को इस लायक बनाऐं कि वह समाज में अपना स्टेटस बना सके ! याद रखिए, जीवन अमूल्य है और हमारे बच्चों का जीवन शायद, हम से भी ज्यादा अमूल्य है !
उन सभी परिवारों की दुःख की इस घड़ी में मासूम मृतकों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर शोक संतप्त परिवार पर हुए इस वज्रपात रूपी दारुण दुःख को सहन करने की ईश्वर शक्ति प्रदान करे। एक बार पुनः मासूम मृतकों को नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि !
एक बेबस आदमी की कलम से.....

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