संदेश

जनवरी, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खर्च

वक्त - जिंदगी - पैसा और रिश्ते ? ये सब खर्च होने के लिये ही बने हैं .. इनको जिसने स्थाई माना वो परेशान ही रहा .. वक्त कभी बदलता नहीं बस गुजर जाता है .. जिंदगी कभी रुकती नहीं आगे बढ़ जाती ...

मुद्दा

माँ रोज़ तरह तरह के परांठे बनाती हैं। आज मटर के परांठे बने हैं। शायद ही किसी और के यहाँ बनते होंगे। मटर को छीलकर मिक्सी में चलाकर जो स्टफ बनता है न, वो जब परांठे में लहसन और तमाम ...

नया साल, नया खुशी

नया साल, नया दिन, मन में उत्साह, उल्लास, एक उमंग, कुछ अलग करने की तमन्ना इत्यादि । यह सब खुशी की ही तरंगें है । खुशी का नाम सुनते ही बुझे हुए चेहरों पर रौनक आ जाती है, सुख की चमक आ जा...