उज्ज्वल भविष्य

न ट्रेनें रूकी है,
न बसें,
न मोटरकार,
न हवाई जहाज,
न बैलगाड़ी,
न घोड़ागाड़ी...
फिर समस्या कहाँ है ?
अफरा-तफरी कहाँ है ?
पाँच सौ और हजार के नोटों के चक्कर में
न राशन की दुकान बंद है,
न रेस्टोरेंट,
न फलों का बिकना बंद है
न सब्जी का...
फिर समस्या कहाँ है ?
अफरा-तफरी कहाँ है ?
न स्कूल बंद है,
न कॉलेज,
न सरकारी दफतर बंद है
न कारखाना,
न जेल बंद है
न मजिस्ट्रेट का आदेश ....
सुप्रीम कोर्ट और कंजरीवाल के भड़काने के बावजूद भो कहीं दंगा नही हुआ ,,,,
फिर अफरा-तफरी कहाँ है दोस्तों..?
यह अफरा-तफरी ब्लैकमनी समर्थकों के फेसबुक और व्हाट्सअप पर है। ।।
*ये वही लोग हैं जो कल तक ब्लैकमनी पर कोई कठोर कदम नहीं उठाने के कारण सरकार को क्या-क्या कह रहे थे*...
जब उठा लिया तो इनके पोस्टों पर अफरा-तफरी मची है।
किसी ने आर्थिक आपतकाल कह दिया तो किसी ने तानाशाही कह दी तो किसी ने तुगलक कह दिया....
*इससे पहले सब फेंकू कह रहे थे। जब फेंकू ने फेंक दिया तो कैच संभालना मुश्किल हो रहा है... ।*
विरोध कीजिये, *हम भी आपके विरोध में शामिल होंगे पर तार्किक तरीके से कीजिये*...
*ये आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक चुपचाप ही हो सकता था तभी आर्थिक सामनता आती।*
छदम आर्थिक सामनता के नाम पर बड़ी लम्बी-लम्बी पोस्ट लिखने वाले लोग जो मूलत: मोदी विरोध हैं अभी इस सर्जिकल स्ट्राइक की अफरा-तफरी को ऐसे पोस्ट कर रहे हैं जैसे पूरा देश अशांत हो गया।
यकीन मानिए आपके बच्चों का भविष्य उज्जबल है...
आपके बच्चे आने वाले समय में आर्थिक असमानता की दिनों दिन लम्बी होती जा रहा खाई से बहुत ज्यादा परेशान नहीं होंगे।

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