स्वार्थी इंसान

कितना स्वार्थी है ना इंसान ,,
जब हमारी कोई गाय या भैंस स्त्रीलिंग को जनम देती है तो हम कितने खुश होते हैं,,और वहीं जब घर की बहु किसी बच्ची को जन्म देती है तो कितनी मायूसी छा जाती है ज्यादातर घरों में,,
और भ्रूण हत्या का कारण बन जाती है ये मायूसी,,लेकिन क्या आपने कभी सोचा की इस भ्रूण ह्त्या के पीछे क्या कारण हैं,,
मैंने तो यह सोचा कि
1.हमारे समाज में जो लड़कियों के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं (हालांकि इसमें कुछ हाथ लड़कियों का भी है),
2.दहेज़ प्रथा और
3.महिलायें,,इसके मुख्य कारण हैं,,
जब किसी घर में बेटी पैदा होती है तो बुजुर्ग कहते हैं कि भाई तेरी चिंता शुरू हो गई,पैसा जोड़ना आरम्भ कर दे,,,बेटी को आप अच्छी तरह पालो पोसो ,,अच्छी शिक्षा दो,,फिर उसके लिए लड़का ढूंढो ,,लड़का मिलता है तो वो शिक्षा के साथ साथ,,बाप के पास कितना माल है यह भी देखते हैं,,तभी बात आगे बढती है,,बस इसी कारण समाज चाहता है कि बेटी ना ही हो तो अच्छा...
एक और कारण,,,महिला ही महिला कि दुश्मन बन जाती है,,घर के पुरुष तो एक बार को बेटियाँ होने पर भी संतुष्ट हो जाते हैं,,पर घर कि और बाहर कि कुछ बुजुर्ग महिलायें ही ताने मार मार कर उस औरत का जीना मुश्किल कर देती हैं,जिसके सिर्फ बेटियाँ पैदा होती हैं,,यहाँ तक कि अपने लड़कों कि दूसरी शादी तक कि योजनायें बनाने लगती हैं,,,,इस सोच को बदलो ,,
जब हम बदलेंगे तभी समाज बदलेगा,,किसी कानून से नहीं..

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