नि: शुल्क ...
यह अजीब मुल्क है, निर्बलों पर हर शुल्क है।अगर आप हो बाहुबली, हर सुविधा नि:शुल्क है।यह नदियों का मुल्क है,पानी भी भरपूर है ।बोतल में बिकता है, पन्द्रह रू शुल्क है।यह शिक्षकों का मुल्क है, स्कूल भी खूब हैं।बच्चे पढने जाते नहीं, पाठशालाएं नि:शुल्क है।यह गरीबों का मुल्क है, जनसंख्या भी भरपूर है।परिवार नियोजन मानते नहीं, नसबन्दी नि:शुल्क है।यह अपना ही मुल्क है, कर कुछ सकते नहीं।कह कुछ सकते नहीं, बोलना नि:शुल्क है।यह शादियों का मुल्क है, दान दहेज भी खूब है।शादी करने को पैसा नहीं, कोर्ट मेरिज नि:शुल्क है।यह पर्यटन मुल्क है, रेलें भी खूब हैं।बिना टिकट पकडे गये, रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।यह अजीब मुल्क है, हर जरूरत पर शुल्क है।ढूंढ कर देते है लोग, सलाह नि:शुल्क है।यह आवाम का मुल्क है, रहबर चुनने का हक है।वोट देने जाते नहीं, मतदान नि:शुल्क है।
Very Nice poem, so much truth is expressed in poem...
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