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दिसंबर, 2013 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज जो शपथ ली गई है, वो अरविंद केजरीवाल ने नहीं ली है, ना ही इन मंत्रियों ने नहीं ली, बल्कि यह शपथ दिल्ली की जनता ने ली है। ये कवायद अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं थी, बल्कि भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए थी। यहां केजरीवाल की जीत नहीं हुई है, बल्कि आम आदमी की जीत हुई है। केजरीवाल ने साथ ही कहा कि पहले तो कोई काम भी रिश्वत के बिना नहीं होता था, लेकिन मैं ऐलान करता हूं, अगर आपसे कोई पैसे मांगे तो मना मत करना, उससे सेटिंग कर लेना। हम आपको दो दिन के भीतर एक फोन नंबर देंगे। आप बस उस नंबर पर तुरंत सूचना दे देना। हम सभी रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथों पकड़वा देंगे। एक नजर में पढ़ें शपथ ग्रहण के बाद अरविंद केजरीवाल का संबोधन दोस्तों, बैरिकेडिंग को मत तोड़िए, बाउंड्री पर मत दौड़िए। इससे पुलिस वालों को व्यव्स्था बनाए रखने में परेशानी हो रही है। बहनों, भाइयों, माताओं, बुजुर्गो, आप सबको सबसे पहले मेरा नमस्कार, मेरा प्रणाम। दोस्तों आज बहुत...

आदत और शौक, भरोसा और भ्रम, भावनाए और क्रोध,

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1...  आदत और शौक हरेक  इन्सान  के कुछ  न  कुछ   शौक  होते   हैं ……जैसे  खेलना ….खाना  बनाना …पेंटिंग ….डांसिंग …. ….शौक  का  सीधा  सम्बन्ध  दिल  से  होता  है ….मतलब  जो   का कम  हम  बार  बार  करते  हैं  और ……और   बिना  बोर  हुए …..फिर  उसे  करने  से  ….हमे  दिल  से  ख़ुशी  मिलती  हैं  उसको  शौक कहते  हैं ……और  जब  हमारा  कोई  शौक  हमारी  जरुरत  बन  जाता  हैं  तो  उसे  हम  आदत  कहते  हैं ….शौक  आसानी  से  बदल  सकता  है  मगर  आदत  नहीं ……हमारी  आदतें  हमें  हमेशा  तकलीफ  देती  हैं  क्योंकि  उनके  आगे  हमारा  दिल  मजबूर  होता  है ….कोशिश  येही  रहनी...

भाजपा 'शाइनिंग इण्डिया'

8 दिसम्बर 2013 का दिन भारत में सत्तारूढ़ काँग्रेस पार्टी के लिए काला दिन साबित हुआ। भारत में चार राज्यों की विधानसभाओं के लिए हुए चुनावों में काँग्रेस को मुँह की खानी पड़ी है। विशेष रूप से दिल्ली में हुई भयानक हार के कारण काँग्रेस मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही। दिल्ली में 70 में से सिर्फ़ 8 सीटें प्राप्त करके काँग्रेस तीसरे नम्बर पर आई है। अभी एक साल पहले बनी 'आम आदमी पार्टी' से भी काँग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। दिल्ली की मुख्यमन्त्री शीला दीक्षित को 'आम आदमी पार्टी' के नेता अरविन्द केज़रीवाल ने 25 हज़ार से भी ज़्यादा मतों से हराया है। दिल्ली में 15 साल सत्ता में रहने के बाद इन चुनावों में काँग्रेस को सिर्फ़ 8 सीटों पर ही सन्तोष करना पड़ रहा है। 'आम आदमी पार्टी' को काँग्रेस से साढ़े तीन गुना ज़्यादा सीटें मिली हैं। उसकी 28 सीटों पर जीत हुई है। काँग्रेस की मुख्य प्रतिद्वन्द्वी पार्टी 'भारतीय जनता पार्टी' (भाजपा) को दिल्ली में कुल 34 सीटें मिली हैं। राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी काँग्रेस का सफ़ाया हो गया है। इन दोनों राज्यों को भारत क...

वोट देने का अधिकार

आपको शायद इस बात का गर्व है कि आपके पास वोट देने का अधिकार है। आपको शायद इस बात का भी गर्व हो कि आप अपने वोट के जरिए सरकार बदल सकते हैं। लोकतंत्र के नाम पर आपको पिछले चौंसठ सालों से यह एहसास कराया जा रहा है कि आपकी भी इस देश में कुछ हैसियत है। हकीकत यह है कि आपको अब तक जानबूझकर एक मायावी दुनिया के मुगालतों में बंधक बना कर रखा गया है। पांच साल में एक दिन आपकी आवाभगत एक शहंशाह की तरह की जाती है। वोट देने के बाद शहंशाह के कपडे उतार दिए जाते हैं। एक बार फिर से आपको बेबस और लाचार आदमी की जिन्दगी जीने के लिए किस्मत के भरोसे छोड़ दिया जाता है। लोकतंत्र के नाम पर चलने वाला यह दर्दनाक और बेरहम सीरियल कभी खत्म नहीं होता। हां, हर पांच साल में निर्माता, निर्देशक और फनकार बदल जाते हैं। अवाम की रुलाई और धुनाई बदस्तूर जारी रहती है। आखिर, वोट देकर आप हासिल क्या करते हैं? एक बेहतर जिन्दगी के सपने तो बहुत दूर की बात रही, जिन्दा रहने की न्यूनतम जरूरतों के लिए भी आपको हाथ में कटोरा लेकर खड़ा रहना पड़ता है। आप भीख मांगने के लिए तैयार हैं, लेकिन जिन लोगों को आपने वोट दिया है, उनके पास आपको ...