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मातृभाषा

एक लड़के को सेल्समेन के इंटरव्यू में इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती थी। लड़के को अपने आप पर पूरा भरोसा था । उसने मैनेजर से कहा कि आपको अंग्रेजी से क्या मतलब ? यदि मैं अंग्रेजी वालों से ज्यादा बिक्री न करके दिखा दूं तो मुझे तनख्वाह मत दीजिएगा। मैनेजर को उस लड़के बात जम गई। उसे नौकरी पर रख लिया गया। फिर क्या था, अगले दिन से ही दुकान की बिक्री पहले से ज्यादा बढ़ गई। एक ही सप्ताह के अंदर लड़के ने तीन गुना ज्यादा माल बेचकर दिखाया। स्टोर के मालिक को जब पता चला कि एक नए सेल्समेन की वजह से बिक्री इतनी ज्यादा बढ़ गई है तो वह खुद को रोक न सका । फौरन उस लड़के से मिलने के लिए स्टोर पर पहुंचा। लड़का उस वक्त एक ग्राहक को मछली पकड़ने का कांटा बेच रहा था। मालिक थोड़ी दूर पर खड़ा होकर देखने लगा। लड़के ने कांटा बेच दिया। ग्राहक ने कीमत पूछी। लड़के ने कहा – 800 रु. । यह कहकर लड़के ने ग्राहक के जूतों की ओर देखा और बोला – सर, इतने मंहगे जूते पहनकर मछली पकड़ने जाएंगे क्या ? खराब हो जाएंगे। एक काम कीजिए, एक जोड़ी सस्ते जूते और ले लीजिए। ग्राहक ने जूते भी खरीद लिए। अब लड़का बोला – तालाब किनारे धूप में बै...

संकल्प

पूरा साल निकल गया बस यही सोचते-सोचते कि अगले आने वाले साल 2020 के लिए क्या संकल्प लिया जाए.. सोचता रहा कि ऐसा क्या है जो सुधारूँ ख़ुद में, या जोड़ूँ ख़ुद में, या बदलूँ ख़ुद में... बहुत सोचा लेकिन ऐसा कुछ समझ ही नहीं आया जो करने का संकल्प करूँ अगले नए साल में। फ़िर सोचा कि अपनी आदतों और दिनचर्या पर नज़र डालता हूँ, तो शायद कुछ हाथ लगे कुछ..वरना पता लगा पूरी दुनिया न्यू-ईयर रेज़ोल्यूशन में लगी है, और में सिर्फ सोचते ही रह जाऊंगा 😂 लेकिन ये मशक्क़त भी काम न आई, और अंततः कुछ ऐसा न मिला जिसका संकल्प ले सकूँ..ख़ैर, अंत में यह निर्णय लिया इस बंदे ने कि इस नए साल में भी ऐसा ही रहा जायेगा और बिल्कुल भी ख़ुद को बदला नहीं जाएगा। हाँ, इतना ज़रूर है कि अभी जैसा हूँ उन आदतों को और बढ़ाऊँगा और थोड़ा ज़्यादा और वक़्त दूँगा.. ज़्यादा कुछ नहीं, बस 1% ज़्यादा अच्छे ढंग से क़िताबें पढ़ूँगा, अपने काम में 1% और बेहतर इनपुट दूँगा .और भी बहुत कुछ, और हर काम, आदत, शौक, दोस्ती, वगैरह को 1% ज़्यादा क्वालिटी वक़्त दूँगा। इसके अलावा सोचता हूँ कि इस बीते साल में क्या हासिल किया, तो नज़र आए कुछ बेहतरीन लोग, कुछ बेहतरीन क़िताबें, और सबसे ज़...

कुछ तो नया हो

पूरा दिसंबर निकल गया बस यही सोचते-सोचते कि अगले आने वाले साल 2020 के लिए क्या संकल्प लिया जाए.. सोचता रहा कि ऐसा क्या है जो सुधारूँ ख़ुद में या जोड़ूँ ख़ुद में या बदलूँ ख़ुद में...बहुत सोचा लेकिन ऐसा कुछ समझ ही नहीं आया जो करने का संकल्प करूँ अगले नए साल में। फ़िर सोचा कि अपनी आदतों और दिनचर्या पर नज़र डालता हूँ, तो शायद कुछ हाथ लगे कुछ..वरना पता लगा पूरी दुनिया न्यू-ईयर रेज़ोल्यूशन में लगी है, और हम तकिया दबोचे रज़ाई ओढ़े औंधे पड़े हैं 😂 लेकिन ये मशक्क़त भी काम न आई, और अंततः कुछ ऐसा न मिला जिसका संकल्प ले सकूँ..ख़ैर, अंत में यह निर्णय लिया इस बंदे ने कि इस नए साल में भी ऐसा ही रहा जायेगा और बिल्कुल भी ख़ुद को बदला नहीं जाएगा। हाँ, इतना ज़रूर है कि अभी जैसा हूँ उन आदतों को और बढ़ाऊँगा और थोड़ा ज़्यादा और वक़्त दूँगा.. ज़्यादा कुछ नहीं, बस 1% ज़्यादा अच्छे ढंग से क़िताबें पढ़ूँगा, अपने काम में 1% और बेहतर इनपुट दूँगा .और भी बहुत कुछ, और हर काम, आदत, शौक, दोस्ती, वगैरह को 1% ज़्यादा क्वालिटी वक़्त दूँगा। इसके अलावा सोचता हूँ कि इस बीते साल में क्या हासिल किया, तो नज़र आए कुछ बेहतरीन लोग, कुछ बेहतरीन क़िताबें, औ...