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आखरी पिढी

क्योंकि हम वो आखरी पीढ़ी  हैं जिन्होंने - कई कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की कहानियां सुनीं, जमीन पर बैठ कर खाना खाया है,  प्लेट में चाय पी है। हम वो आखरी लोग ...

क्या हार गये हम. . .

दुख हुआ बीजेपी हार गयी । मन और दिमाग के संघर्ष मे दिमाग जीता वही जैसा मुझे पिछले दो माह से लग रहा था । कांग्रेस नही जीती है क्युकी उसकी जीत का कोई ऐसा कारण था भी नही । तीनो प्रदेशों में बीजेपी नही उसका अतिआत्मविश्वास हारा है । तुष्टीकरण की नीती हारी है । अपने मूल वोटर को लात मारकर अवसरवादी वोट बैंक खड़ा करने की ग़लती हारी है ।अखंड भारत का सुनहरा सपना दिखाने वाले हमे जोड़ने के बजाय तोड़कर वोट बैंक बनाने चले थे । हिन्दु संस्कृति के वाहक का दम्भ भरने वाले  हमारे देवताओं की जाती हमें बताने निकल पड़े । हर तरह से कुछ ख़ास वर्गों को अपना वोट बैंक बनाने के प्रयास में अपने मूल वोटर को नाराज़ ही नही किया बल्कि उसके स्वाभिमान को चोट भी पहुँचायी । उनको अपमानित किया । जिनके पैर छुकर काम प्रारंभ करने की संस्कृति थी उनको ठेस पहुचाई जबकि उन्होने आपसे कोई लाभ नही चाहा । बीजेपी भूल गयी की उसका मूल वोटर उसके विचार का समर्थक है, मुफ़्तख़ोरी का नही उसने आपको तब भी समर्थन दिया था जब आपकी दो सीटें नही आती थी । वो तब भी अपने घर पर शान से भगवा ध्वज फहराता था और आज आपके अपमान के बाद भी पहरा रहा है । बदले...

जिंदगी क्या है. . . . .

जाने - जिंदगी का सच, जिंदगी क्या है? , जिन्दगी जीने के तरीके, जीवन जीने के सूत्र, सुखी जीवन के उपाय/ ज़िन्दगी का सफ़र ! जिंदगी---- कभी कभी मन में सवाल उठता है जिंदगी क्या है? हमारी जिंद...

मतदान

इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम एक लोकतांत्रिक देश के स्वतंत्र नागरिक है। लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत जितने अधिकार नागरिकों को मिलते हैं, उनमें सबसे बड़ा अधिकार है वोट देने ...

मोहम्मद अजीज

बॉलीवुड फिल्मों को कई सदाबहार गीत देने वाले लीजेंड सिंगर मोहम्मद अजीज का 27 नवम्बर को निधन हो गया । 1980 के दशक के उत्तरार्ध और 1990 के दशक की शुरुआत में मोहम्मद अजीज ने बॉलीवुड फिल्...

सब कुछ गंवा दिया

एक बार जरूर पढ़े दोस्तों...... दादी माँ बनाती थी रोटी पहली गाय की, आखरी कुत्ते की...... . हर सुबह सांड आ जाता था दरवाज़े पर गुड़ की डली के लिए......... . कबूतर का चुग्गा कीडियो(चीटियों) का आटा.... ग्यारस, अमावस, पूर्णिमा का सीधा डाकौत का तेल काली कुतिया के ब्याने पर तेल गुड़ का सीरा.......... सब कुछ निकल आता था उस घर से , जिसमें विलासिता के नाम पर एक टेबल पंखा था........ आज सामान से भरे घर में कुछ भी नहीं निकलता सिवाय लड़ने के कर्कश आवाजों के....... .... मकान चाहे कच्चे थे लेकिन रिश्ते सारे सच्चे थे... चारपाई पर बैठते थे पास पास रहते थे... सोफे और डबल बेड आ गए दूरियां हमारी बढा गए.... छतों पर अब न सोते हैं बात बतंगड अब न होते हैं..... आंगन में वृक्ष थे सांझे सुख दुख थे... दरवाजा खुला रहता था राही भी आ बैठता था....... कौवे भी कांवते थे मेहमान आते जाते थे....... इक साइकिल ही पास था फिर भी मेल जोल था....... रिश्ते निभाते थे रूठते मनाते थे... पैसा चाहे कम था माथे पे ना गम था... मकान चाहे कच्चे थे रिश्ते सारे सच्चे थे... अब शायद कुछ पा लिया है पर लग...

अश्लीलता

  मुझे आज तक ये समझ नहीं आया कि  ये औरतें अपना नग्न शरीर  अपने पति के अलावा   किसको   और   क्यूँ ओर    किस लिए दिखाती हैं              हम अपने संस्कार और संस्कृती भूल गए हैं   ...

थोडा़ ज्यादा सोचीये. . . .

*किसी को याद है कि 2013 में एक अल्पसंख्यक सुरक्षा कानून आ रहा था, जिसके तहत दंगा जो भी करे दंगाई बहुसंख्यक होगा??* _कैसे याद होगा? उसके लिए हिन्दू याददाश्त चाहिए.. यहां तो सवर्ण-दलित ...

श्राद

🌹*श्राद्ध*🌹 *स्वर्ग के लिए कोई टिफिन सेवा शुरू नही हुई है* *माता पिता को जीते जी ही सारे सुख देना ही वास्तविक श्राद्ध है।

मुसलमान

आजादी के बाद से एक समस्या शुरू से मुँह फाड़े खड़ी है, देश के लिए चुनौती बनी हुई है...वह लाइलाज समस्या है कि मुसलमानों का विकास नहीं हो पा रहा..... उन्हें किसने रोका अपना विकास करने ...