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अगस्त, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिंदगी

जिन्दगी बड़ी ही रोचक कहानी है ,चाहे वो किसी की भी हो मेरी या किसी और की । हर नया दिन नया पन्ना लगता है ,और हमेशा अगला पन्ना जानने की इच्छा बनी रहती है । जब भी जिन्दगी में दो रास्त...

पंद्रह अगस्त

और फिर आ गया पंद्रह अगस्त | देश की आबादी युवा और देश बूढ़ा हो चला है अबकी बार | एक बार एक मुलाक़ात में जब मैंने भारत से पुछा कि और बताओ दिन कैसे चल रहे हैं ? वह बेहद प्यार से बोला "ठीक ठा...

गुमशुदा

पता है इतने दिनों से में चुप क्यों हुँ ? क्यूंकि समझ नहीं पा रहा की आखिर जाना किस और है मुझे ..!! सोचा कुछ रोज़ खुद में रह कर देखूं शायद कोई सिरा कोई सुराग मिल जाये मेरे होने का , गज़ब क...