कितनॆ चॆहरे ..... हमारे
एक मानव के कई चेहरे होते हैं, एक उसका शारीरिक चेहरा, उसका अध्यात्मिक चेहरा, उसका सामाजिक चेहरा, उसका आर्थिक चेहरा, उसका नैतिक चेहरा, उसका मानवीय चेहरा आदि | सिर्फ शारीरिक चेहरे को दर्पण मे देख लेना, उसको संवारलेना ही सबकुछ नही ! भारत 1800 साल पहले सोने की चिड़िया और विश्व गुरु कहा जाता था | फिर 1800 साल तक हम ग़ुलाम रहे और सोने की चिड़िया से गरीब और अशिक्षित बन कर आज़ाद हुए | भारत की ग़ुलामी की शुरुवात की कहानी बचपन से सुनते आ रहे हैं जैसे भारत कभी ग़ुलाम ना होता अगर संतरी घूस ना लेता ! सोने की चिड़िया कहे जाने वाला देश का संतरी पैसो का भूखा था ? या राजा की संतरी इज़्ज़त नही करता था क्यूंकि राजा प्रजा के साथ जानवरों सा सलूक करता था या राजा भ्रष्ट था जिसकी वजह से प्रजा भी भ्रष्ट थी | भारतीयों को 1800 साल पहली आत्ममुग्धता से बहार निकलने की जरूरत है, अगर भारत सच मे 1800 साल पहले इतना महान था उसके नागरिक इतने सुशिक्षित, सुसंस्कारी, ईमानदार देशभक्त थे तो देश ग़ुलाम ही ना होता, अगर होता भी तो 1800 सालों तक ग़ुलाम ना रहता |जैसे तैसे भारत को आज़ादी मिली वो एक बड़ा मुद्दा है उसके बारे ...