ग़रीबी
गरीबी को अगर पारिभाषित किया जाए, तो यह वह स्थिति है, जिसमें एक इंसान के पास जीवन जीने के बुनियादी साधनों या इसके लिए धन का अभाव निरन्तर बना रहता है। वर्तमान समय में भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का आंकड़ा 29.8 प्रतिशत है। एक गरीब होने का मतलब दो वक़्त की रोटी, पेट भर खाना नसीब नहीं होना, सिर छुपाने के लिए घर न होना, पैसों की किल्लत की वजह से बीमार होने पर अस्पताल में बेहतर इलाज न करा पाना, कई महीनों तक सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटते रहना है। वहीं, एक गरीब से जब हमने पूछा कि उसके लिए गरीब होने का मतलब क्या है, तो उसने बस एक शब्द कहा और वह शब्द है ‘दुर्भाग्य’। वहीं, कई मंदिरों के दर पर भीख मांगने वालों ने गरीबी को ही अपनी तकदीर मान लिया है। सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस गरीबी नामक समस्या का कोई इलाज नहीं हो सका। गरीबी देश के लिए एक ऐसी समस्या बनकर खड़ी हुई है, जो देश के आर्थिक विकास में बाधक है। गरीबी एक ऐसी बीमारी है, जिससे अपराध, अशिक्षा, जैसी कई समस्याएं जुड़ी हैं।देश में कई लोग आपको फुटपाथों पर भीख मांगकर, सड़कों पर ही जिंदगी गुजर-बसर करते नजर आएंगे। इन गरीब लोगों के बच्चे...