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जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोदी फिर से

  चर्चों   से   चिठ्ठी   निकल   पड़ी,       मस्जिद  का  फतवा  बोल  रहा।      यदि   मंदिर   अब  खामोश  रहे,      समझो  फिर  खतरा  डोल रहा।                         वो  देश  चलाएॅ फतवे से,                         तुम   तेल   सूंघते  रहना।                         जब घर में घुसकर मारेंगे,                         तब  हांथ  रगड़ते  रहना।      वो काल-खण्ड  हम याद करें,      जब   बटे   हुए  थे  जाती  में।      पराधीन    यह    देश  ...

नया क्या है ।

कलेंडर बदलिए अपनी संस्कृति नही। अपनी संस्कृति की झलक को अवश्य पढ़ें और साझा करें ।। 1 जनवरी को क्या नया हो रहा है ????? * न ऋतु बदली.. न मौसम * न कक्षा बदली... न सत्र * न फसल बदली...न खेती * न पेड़ पौधों की रंगत * न सूर्य चाँद सितारों की दिशा * ना ही नक्षत्र।। 1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानो कितना बड़ा पर्व हो। नया केवल एक दिन ही नही कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है। ईस्वी संवत का नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर: 1. प्रकृति- एक जनवरी को कोई अंतर नही जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी.. वही चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ो पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो I 2. मौसम,वस्त्र- दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर.. लेकिन चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है I 3. विद्यालयो का नया सत्र- दिसंबर जनवरी मे वही कक्षा कुछ ...

कादर खान

सिविल इंजीनियरिंग के एक ऐसे प्रोफेसर जिनके लिखे शब्दों के पुल से गुज़र कर कई बॉलीवुड अभिनेता सुपरस्टार और महानायक बने; जो ख़ुद अभिनय की ऐसी शानदार इमारत रहे, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी स...