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विनोद खन्ना

विनोद खन्ना गुजर गए लेकिन उनसे जुड़ी सातवें दशक की यादें अमिट रहेंगी. यह इत्तेफाक है कि वे सत्तर साल जिए और सत्तर के दशक में ही उन्होंने सफलता की चरम सीमा को छुआ. सुनील दत्त क...

होश मे या बेहोशी मे।

ये देश बेहोश लोगों का देश है, धर्म के नशे में डूबे हुए लोगों का देश, भावनाओं का देश ...ऐसी भावनाएं जो अवसर तलाशती हैं आहत होने के लिए... संघर्ष करने के लिए ...लड़ने के लिए ... !! ये ही लोग ढूं...

जीवन का अर्थ और उद्देश्य

इस संसार में अनेक प्रकार के लोग हैं जो अप नी जिंदगी अपने सोच के आधार पर जी रहे हैं ! हर कोई जिंदगी के दौड़ में सामिल है ! एक दुसरे को पछाड़ना ही जिंदगी का मक़सद बन गया है ! आज किसी के पास ...