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फ़रवरी, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बदलाव

अब मिलो जिसे, वो सख्ती से आलोचना कर जाए, अब हाँ नहीं, कोई मिले, जो बस मना कर जाए, चलने वालों, रुक जाओ, अब ठहराव जरुरी है, है दूर तलक जाना तो फिर बदलाव जरुरी है ! हम ने पौधों को सींचा है, ...