संदेश

दिसंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सेवा

मैं कल पैदल - पैदल वापस अपने घर आ रहा था। रास्ते में एक बिजली खंभे में एक कागज लगा हुआ था जिस पर 'कृपया पढ़ें' ऐसा लिखा था। फुरसत में था ही, पास जाकर देखा. . ."इस रास्ते पर मैंने कल एक मे...

मोन

दिन के चौबीस घंटों में तुम्हें एक घंटा मौन रहना जरूरी है, जब भी तुम्हारी सुविधा हो। तुम्हारा आंतरिक संवाद चलता रहेगा लेकिन तुम उसके भागीदार मत बनो। बिना संलग्न हुए सुनो। क...

काला धन

काला धन क्या है......इसका वास्तविक अर्थ जनता और सरकार के लिए भिन्न है........सरकार के लिए जिस धन का कोई रिकार्ड नही है वो काला धन है......अगर कोई रिक्शे वाला फुटकर में कमाई करता है और उसके धन...