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नारी सशक्तिकरण

( अमित 'मीत' ) आज बहुत से लोग नारी सशक्तिकरण की बात करते हैँ, मुझे कोई ये तो बताओ क ि नारी अशक्त कब थी । नारी अशक्त नहीँ है, अशक्त हमारा समाज और हमारी कानून व्यवस्था है और इसी का फायदा उठाकर कुछ वहशी लोग बलात्कार करते हैँ । बलात्कार पहले भी होते थे, लेकिन पीड़िता अपनी बदनामी के डर से खून का घूंट पीकर चुप रह जाती थी । लेकिन जब से नारी जागरुक हुयी है और अपने लिए न्याय की गुहार करने लगी है, तब से बलात्कार के बाद कत्ल कर देने के मामले ज्यादा सुनाई दे रहे हैँ । बलात्कार के बाद कत्ल इसलिए, ताकि उनके दुष्कर्म का कोई गवाह ही न मिले । एक छिपा हुआ सच ये भी है कि इन मामलोँ मेँ अधिकांश आरोपी सिर्फ इसलिए छोड़ दिए जाते हैँ, क्योँकि पीड़िता के परिवार वाले इन मामलोँ को मीडिया मेँ नहीँ लाना चाहते और अदालत के चक्कर से बचना चाहते हैँ । पुलिसवाले भी अक्सर यही सलाह देते हैँ कि मामले को आगे मत बढ़ाइए, अन्यथा बदनामी तो होगी ही, साथ ही साथ अदालती कार्यवाही के चक्कर मेँ पूरी जिँदगी खराब हो जाएगी । इसी सोँच की वजह से एक बलात्कारी खुलेआम हमारे बीच घूमता रहता है और हमेँ पता भी नहीँ होता । आजकल लगभग हर इंसा...