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मार्च, 2014 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सर्दी खांसी जुकाम, सरदर्द

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( 1 )..  सर्दी खांसी जुकाम का इलाज़ • एक अच्छी दवाई खांसी जुखाम एलर्जी सर्दी आदि के लिए जिसे आप घर पर बना सकते है इसके लिए आपको चाहिए तुलसी के पत्ते, तना और बीज तीनो का कुल वजन 50 ग्राम इसके लिए आप तुलसी के ऊपर से तोड ले इसमें बीज तना और तुलसी के पत्ते तीनो आ जाएंगे इनको एक बरतन में डाल कर 500 मिलि पानी डाल ले और इसमें 100 ग्राम अदरक और 20 ग्राम काली मिर्च दोनो को पीस कर डाले और अच्छे से उबाल कर काढे और जब पानी 100 ग्राम रह जाए तो इसे छान कर किसी कांच की बोतल में डाल कर रखे इसमे थोडा सा शहद मिला कर आप इसके दो चम्मच ले सकते है दिन में 3 बार • जुखाम के लिए 2 चम्मच अजवायन को तवे पर हल्का भूने और फ़िर उसे एक रूमाल या कपडे में बांध ले और पोटली बना ले......उस पोटली को नाक से सूंघे और सो जाए • खांसी के लिए रोज दिन में 3 बार हल्के गर्म पानी में आधा चम्मच सैंधा नमक डाल कर गरारे(gargles) करे सुबह उठ कर दोपहर को और फ़िर रात को सोने से पहले..............एक चम्मच शहद में थोडी सी पीसी हुई काली मिर्च का पाऊडर डाल कर मिलाए और उसे चाटे...........अगर खासी ज्यादा आ रही हो तो 2 साबु...

विश्व महिला दिवस,

8 मार्च, विश्व महिला दिवस, फिर आ गया एक दिन जो है महिलाओं का, महिलाओं के लिए और सिर्फ महिलाओं के नाम, लेकिन क्या औचित्य है इस दिन का? आखिर क्यों बनाया गया इसे सिर्फ नारियों के लिए? इसलिए न कि इस दिन हम नारियों का सम्मान कर सकें, उनकी महिमा का बखान कर सकें, उन्हें यह एहसास दिला सकें कि कितनी अमूल्य हैं वे जो वंश को बढ़ाती है, एक ममतामयी मां, एक प्यारी बेटी, बहन, सच्ची जीवनसाथी और दो परिवारों के बीच एक सेतु की तरह है। लेकिन सच तो यह है कि यह दिन सिर्फ नारियों के लिए दिल बहलान े का एक खिलौना मात्र है। जिसके सहारे वे आत्मसंतुष्टि कर सकें कि हम भी कुछ हैं। हमारी भी इस समाज में वही अहमियत है जितनी कि एक पुरुष की। मान लें की हमारा समाज अब बदल रहा है और यहां औरत और आदमी का एक समान दर्जा है। अगर ऐसा होता तो आज वे अपनी सुरक्षा के प्रति इतनी डरी-सहमी न रहतीं। निर्भीक होकर अपना जीवन जी सकतीं। महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों ने उनकी सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्न चिह्न लगा दिया है। कहीं अकेले जाने से पहले उन्हें दस बार सोचना पड़ता है, हरदम डर बना रहता है कि कब, कहां, कौन-सा भेड़िया ...

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,वह निकल जाता है हम में से अनेक लोग असहाय से देखते ही रह जाते हैं | कुछ ही लोग हैं जो अपने कर्मों से उसे पकड़ लेते हैं , समय जब हमारे साथ होता है ,तो लगता है की सभी कुछ हमारा हो गया है ,यहाँ तक की जमीन और आसमान भी, इसके साथ ही पीछे छूट गए लोगों में यह अफ़सोस गहरा हो जाता है ,की हम तो उनसे पिछड़ गए हैं | हम सोचते हें की हम समय के साथ क्यों नहीं चल पाए, इसे आदमी आलस्य की रस्सी बंधे, अपने भाग्य को कोसते ही रह जाते हैं | समझने की बात यह है की जो समय की कद्र नहीं करता है वह समाप्त हो जाते हैं | यदि हम समय की कद्र करेंगे तो समय हमारी कद्र करेगा | बहुत से लोग अपना समय बेकार की बातों में ही बिता देते हैं, वे अक्सर इसी बहस करते हैं , जिनमे विचार के लिए कोई मुद्दा ही नहीं होता, बिना मुद्दे के बहस इसे होती है जेसे... ,सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम -लट्ठा... | समय आगे पीछे नहीं देखता है | मुड़कर देखना तो उसकी सत्ता में है ही नहीं | हमारी अविकसित सोच ही विकास में बाधा उत्पन्न करती है | विकास की परिभाषा भी यही है क...

सत्यमेव जयते-2

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एक्टर आमिर खान अपने मशहूर टॉक शो सत्यमेव जयते के दूसरे सीजन के साथ आज लौट रहे हैं। वह कहते हैं कि यह सीजन देशप्रेमियों के लिए है। शो में दर्शकों को बांधे रखने के लिए पूरा मसाला है इसलिए आमिर को टीआरपी की कतई चिंता नहीं है। आमिर का यह शो इस बार अलग-अलग हिस्सों में प्रसारित होगा। क्या आमिर का यह एक्सपेरिमेंट शो की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए है? दूसरे सीजन का पहला एपिसोड आज 11 बजे स्टार के अलग-अलग चैनलों पर छह भाषाओं में सीधा प्रसारित होगा। सत्यमेव जयते के पहले हिस्से में पांच एपिसोड दिखाए जाएंगे, जबकि बाकी एपिसोड कुछ अंतराल के बाद प्रसारित होंगे। आमिर से जब पूछा गया कि आमतौर पर रविवार परिवारों के लिए फिल्म देखने का दिन होता है और इस पर उन्होंने कहा कि जिसे अपने देश की फिक्र है वह शो देखेगा। शो का पिछला संस्करण अनगिनत लोगों ने देखा था। यह शो के लिए एकदम सही समय है। आमिर ने कहा कि मैं कहूंगा कि हमारा शो बहुत मनोरंजक है। इसमें प्रेम कहानी है। यह देश और देशवासियों के बीच की प्रेमकहानी है। शो उस समय प्रसारित हो रहा है जब देश अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव के लिए कमर कस रह...