सरकारी अस्पताल
हमारे देश में सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है। दूर - दराज के ग्रामीण इलाकों की बात अगर छोड़ भी दें तो शहरों में स्थित सरकारी अस्पतालों में भी बुनियादी सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं। कहीं पर बुनियादी सुविधाएं यदि हैं भी तो जरूरी स्टॉफ की तंगी और उनकी लापरवाही के सैकड़ों किस्से सुने जा सकते हैं। इसी का नतीजा है कि आए दिन देश के प्रभावित इलाकों से इस तरह की खबरें निकलकर आती रहती हैं कि फलां - फलां अस्पताल में समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने या डॉक्टरों की लापरवाही से किसी मरीज की मौत हो गई। देश में जन स्वास्थ्य की हालत सुधारने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। हर साल इन योजनाओं पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। पर जन स्वास्थ्य के मौजूदा हाल को देखते हुए यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि आखिर यह पैसा जा कहां रहा है। जमीनी स्तर पर तो स्वास्थ्य सुविधाओं का टोटा तो जस का तस बना हुआ है। लोगों को बुनियादी स...