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करवा चौथ

करवा चौथ की कथा बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद मे...

वाह बेटे

माँ के निधन के पश्चात इकलौते बेटे ने पत्नी के कहने में आ कर अपने पिता को वृद्धाश्रम में भेजने का निर्णय ले लिया। पिता की समस्त भौतिक वस्तुएं समेट वो एक ईसाई पादरी द्वारा संच...

रविनद्र जेन

भारतीय फिल्म संगीत में सचिनदेव बर्मन, मदन मोहन, शंकर-जयकिशन, कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और राहुलदेव बर्मन जैसे दिग्गज संगीतकारों का डंका बज रहा था। ऐसे समय में आई फिल्म 'चोर मचाए शोर' का संगीत लीक से हटकर श्रोताओं को नया 'टेस्ट' देने वाला था। इस फिल्म के लिए संगीत रचनाएं लेकर आए थे तब के नए संगीतकार रवींद्र जैन। इस फिल्मका गीत  'ले जाएंगे..ले जाएंगे दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे...'की लोकप्रियता आज तक बरकरार है। इसी फिल्म का एक अन्य 'गीत घुंघरूकी तरह बजता ही रहा हूं मैं...'  किशोर कुमार के श्रेष्ठ गीतों में से एक है। वास्तव में रवींद्र जैन की प्रतिभा ने ही उन्हें भारतीय फिल्म संगीत के क्षेत्र में भारी प्रतिस्पर्धा के बीच ऊंचामुकाम दिलाया।अमिताभ के साथ-साथ करियर की डगरसन 1973 में फिल्म 'सौदागर' आई थी। यह फिल्म जहां अमिताभ बच्चन के करियर की शुरुआती फिल्म थी वहीं रवींद्र जैन के करियर कीभी शुरुआती फिल्म थी। अमिताभ और नूतन की यह फिल्म बहुत सफल नहीं रही लेकिन इसका संगीत पसंद किया गया। इस फिल्म के गीत 'हर हंसी चीज का मैं तलबगार हूं......

नि: शुल्क ...

यह अजीब मुल्क है, निर्बलों पर हर शुल्क है।अगर आप हो बाहुबली, हर सुविधा नि:शुल्क है।यह नदियों का मुल्क है,पानी भी भरपूर है ।बोतल में बिकता है, पन्द्रह रू शुल्क है।यह शिक्षकों का मुल्क है, स्कूल भी खूब हैं।बच्चे पढने जाते नहीं, पाठशालाएं नि:शुल्क है।यह गरीबों का मुल्क है, जनसंख्या भी भरपूर है।परिवार नियोजन मानते नहीं, नसबन्दी नि:शुल्क है।यह अपना ही मुल्क है, कर कुछ सकते नहीं।कह कुछ सकते नहीं, बोलना नि:शुल्क है।यह शादियों का मुल्क है, दान दहेज भी खूब है।शादी करने को पैसा नहीं, कोर्ट मेरिज नि:शुल्क है।यह पर्यटन मुल्क है, रेलें भी खूब हैं।बिना टिकट पकडे गये, रोटी कपड़ा नि:शुल्क है।यह अजीब मुल्क है, हर जरूरत पर शुल्क है।ढूंढ कर देते है लोग, सलाह नि:शुल्क है।यह आवाम का मुल्क है, रहबर चुनने का हक है।वोट देने जाते नहीं, मतदान नि:शुल्क है।