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मई, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुछ आदते छोङे

=== 8 आदतों से सुधारें अपना घर ===1)          अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं .wash basin में ही यह काम कर आया करें !.2) जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.! बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.! अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आपसम्मान करते हैं !.3) जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर पिलाएं ! ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते हैं.!जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.!.4) घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभालकी जरुरत होती है.!जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों स...

कुछ अच्छी बाते

कुछ अच्छी बाते, अपने जीवन में जरूर अपनाये  1. अगर जींदगी मे कुछ पाना हो तो,,, तरीके बदलो....., ईरादे नही..2. जब सड़क पर बारात नाच रही हो तो हॉर्न मार-मार के परेशान ना हो...... गाडी से उतरकर थोड़ा नाच लें..., मन शान्त होगा। टाइम तो उतना लगना ही है..!3. इस कलयुग में रूपया चाहे कितना भी गिर जाए, इतना कभी नहीं गिर पायेगा, जितना रूपये के लिए इंसान गिर चूका है... सत्य वचन....4. रास्ते में अगर मंदिर देखो तो,,, प्रार्थना नहीं करो तो चलेगा . . पर रास्ते में एम्बुलेंस मिले तब प्रार्थना जरूर करना,,, शायद कोई जिन्दगी बच जाये5. जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख बार हार के भी, नही हार सकता..!6. बादाम खाने से उतनी अक्ल नहीं आती... जितनी धोखा खाने से आती है.....!7. एक बहुत अच्छी बात जो जिन्दगी भर याद रखिये,,, आप का खुश रहना ही आप का बुरा चाहने वालों के लिए सबसे बड़ी सजा है....!8. खुबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते, अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते...!9. रिश्ते और रास्ते एक ही सिक्के के दो पहलु हैं... कभी रिश्ते निभाते निभाते रास्ते खो जाते हैं,,, और कभी रास्तो पर चलते चलते रिश्ते बन जाते हैं...!10. बे...

शहद के गुण

शहद के गुण: शहद के प्रयोग से हमारे शरीर के कई रोग दूर हो सकते हैं। जहां इसका अनेक इस्तमाल प्राकृतिक सौंदर्य पाने के लिये किया जाता है वहीं पर मोटापा कम करने के लिये इसे नींबू पानी के साथ मिला कर पिया जाता है। शहद से शरीर स्वस्थ, सुंदर और सुडौल बनता हैं। आइए जानें की शहद शरीर की चर्बी को किस तरह से दूर करने में सहायक है।शहद से इस तरह दूर करें मोटापा* शहद शरीर की चर्बी को बडी ही तेजी से गलाता है। इसके अलावा डाइटिंग करते वक्त अगर आप शहद कोअपने आहार में शामिल करेंगे तो आपके शरीर को पूर्ण रूप से पोषण मिलेगा और शरीर को डाइटिंग का दुष्परिणाम नहीं झेलना पड़ेगा।* ज्यादातर शहद को पानी के साथ ही लेना चाहिये। शहद को गुनगुने पानी के साथ पीने से जल्दी चर्बी घटती है और साथ ही ज्यादा महनत भी नहीं करनी पड़ती।* शहद और नींबू का मिश्रण वेट लॉस प्लान के लिये बहुत ही लाभकारी है। अगर आप रोजाना नींबू के रस और शहद को मिला कर गुनगुने पानी के साथ पिएंगे तो दिनभर एक्टिव रहने के साथ साथ वजन पर भी नियंत्रण कर सकेगे।* अगर आपको बहुत ज्यादा भूख लगती है तो दूध में शहद की कुछ बूंदे मिला कर रोजाना पिएं। इससे ना केवल आपक...

बेटीया ...

●~~"बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती है पीहर"~~● ~~~~ ..बेटियाँ.. ..पीहर आती है.. ..अपनी जड़ों को सींचने के लिए.. ..तलाशने आती हैं भाई की खुशियाँ.. ..वे ढूँढने आती हैं अपना सलोना बचपन.. ..वे रखने आतीं हैं.. ..आँगन में स्नेह का दीपक.. ..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर.. ~~~ ..बेटियाँ.. ..ताबीज बांधने आती हैं दरवाजे पर.. ..कि नज़र से बचा रहे घर.. ..वे नहाने आती हैं ममता की निर्झरनी में.. ..देने आती हैं अपने भीतर से थोड़ा-थोड़ा सबको.. ..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर.. ~~~ ..बेटियाँ.. ..जब भी लौटती हैं ससुराल.. ..बहुत सारा वहीं छोड़ जाती हैं.. ..तैरती रह जाती हैं.. ..घर भर की नम आँखों में.. ..उनकी प्यारी मुस्कान.. ..जब भी आती हैं वे, लुटाने ही आती हैं अपना वैभव.. ..बेटियाँ कुछ लेने नहीं आती हैं पीहर..🙏  Dear Papa.... "बेटी" बनकर आई हु माँ-बाप के जीवन में, बसेरा होगा कल मेरा किसी और के आँगन में, क्यों ये रीत "रब" ने बनाई होगी, "कहते" है आज नहीं तो कल तू "पराई" होगी, "देके" जनम "पाल-पोसकर...

कामयाबी की कला

एक बुद्धिमान व्यक्ति के पास चार तकनीक होती हैजो आंतरिक और ब्राह्य दोनो ही है- साम, दान, भेद और दंड। लोगों से व्यवहार के लिए बुध्दिमतापूर्ण जीवन जीने के लिए, पहली तकनीक साम है जिसका अर्थ है शांति और समझदारी भरा मार्ग। जब यह तकनीक काम ना करें तो आप दूसरी तकनीक पर जाये जिसे दान कहतें हैं, जिसका अर्थ है इसे होने देना, क्षमा कर देना, स्थान देना।यदि लोग आपकी उदारता को नही पहचान पातें हैं तो तीसरी तकनीक भेद काम में आती है। इसका अर्थ है तुलना करना, दूरी उत्पन्न करना। यदि कोई व्यक्ति आपसे उलझता है तो पहले आप उस से बात करे। यदि इस से बात नहींबने तो प्रेम से उनकी उपेक्षा कर दें। उन्हें स्वयं ही समझने का अवसरदें। आपकी उदारता और उपेक्षा उनको उनकी गलती का अनुभव करवा देगी। लेकिन यदि वे उस पर ध्यान नहीं दे तो उनसे भेद कर लें और उनसे दूरी बना लें।यदि वहां पर दो व्यक्ति है तो आप उनमें एक के थोड़ा करीब हो जायें। ऐसा करने से दूसरा व्यक्ति अनुभव करने लगेगा। उसे अपनी गलती का अनुभवहो जायेगा। यदि अब भी कोई बात नही बनी तो अंतिम है, डंडा। यही चारों तरीके आप अपने स्वयं के साथ भी अपनायें। आंतरिक जीवन के लिये यह ...